केंद्र सरकार ने पड़ोसी देशों में धर्म के आधार पर प्रताड़ना झेलने के बाद भारत आकर शरणार्थी जीवन जी रहे लोगों की मुश्किलें तो संशोधित नागरिकता कानून के नियमों को अधिसूचित करके कम कर दीं लेकिन अब भी कई ऐसे विषय हैं जहां सख्त कानून की जरूरत है। खासकर जो घुसपैठिये भारत में आकर रह रहे हैं वह समय-समय पर कानून व्यवस्था के लिए परेशानी खड़े करते हैं इसलिए उनसे सख्ती से निबटने के लिए कड़े कानून की जरूरत है। ना सिर्फ घुसपैठियों बल्कि घुसपैठ में उनकी मदद करने वालों, उनका सरकारी दस्तावेज बनाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। बढ़ती जनसंख्या भी देश की प्रमुख समस्याओं में से एक है क्योंकि इसी के चलते संसाधनों पर भारी दबाव पड़ रहा है इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की भी बहुत जरूरत है।
इसी प्रकार देश के युवाओं को नशे और अश्लीलता के अंधेरे कुएं में धकेलने का जो अभियान साजिशन आगे बढ़ाया जा रहा है उसको भी तत्काल रोकना होगा। क्योंकि किसी भी देश को नुकसान पहुँचाना हो तो उसकी युवा पीढ़ी को पथभ्रमित करके अपनी साजिश को सफल किया जा सकता है इसलिए समय रहते इस समस्या की गंभीरता को भांपना होगा और इससे निबटने के लिए सख्त कानून बनाना होगा। इसके अलावा भी कई ऐसे सामयिक मुद्दे हैं जिनका हल सख्त कानून बनाकर तत्काल किया जा सकता है।
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प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम जन गण मन में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने विस्तार से बताया कि सीएए के बाद और किन कानूनों को तत्काल लाये जाने की जरूरत है।