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78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास के रोडमैप को जनता के सामने रखा है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा देश के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भी इस मौके पर अपना संबोधन दिया। जिसमें उन्होंने देश, विदेश और कानून सहित कई मुद्दों को जनता के सामने रखा है। मुख्य न्यायाधीश ने हाल ही में बांग्लादेश में हुई हिंसा और राजनीतिक उठा-पटक से देश के लोगों को सबक लेने की सलाह दी है।
सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का संकट बताता है कि हमारे लिए आजादी कितनी जरूरी है। इसके अलावा सीजेआई चंद्रचूड़ ने संविधान की अहमियत के बारे में बताते हुए कहा कि संविधान ने लोकतांत्रिक संस्थाओं का एक ढांचा स्थापित किया है। एक जो ऐसी सरकार सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है, जो लोगों की प्रतिनिधि और उन्हीं के प्रति उत्तरदायित्व भी हो।
उन्होंने स्वतंत्रता को लेकर कहा कि इसे हल्के में लेना बहुत आसान है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम अतीत की गलतियों पर ध्यान दें, ताकि हमें याद रहे की आजादी कितनी जरूरी और कीमती है। संविधान सभा की प्रशंसा करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को ध्यान में रखकर ही इसका निर्माण किया था। अपने संबोधन में उन्होंने रेखांकित किया कि संविधान के कारण ही देश में अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति आज मुख्य धारा में शामिल हो रहा है। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों के योगदान को भी विशेष रूप से रेखांकित किया है। उनकी तारीफ करते हुए सीजेआई ने कहा कि आजादी के बाद भी वकील और बार संगठन देश के मजबूत आधार स्तंभ हैं।