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भुवनेश्वर । ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में माओवादियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार से एक हेलीकॉप्टर और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 12 कंपनियों की सोमवार को मांग की। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से माओवादियों के ओडिशा में प्रवेश की आशंका के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने यह मांग की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि माझी ने सोमवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित माओवाद संबंधी समीक्षा बैठक के दौरान यह मांग उठाई।
बयान में कहा गया कि माझी के साथ वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने सुरक्षा बल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पूर्व सैनिकों के ओएसएसएफ (ओडिशा स्पेशल स्ट्राइकिंग फोर्स) की तीन बटालियन गठित की हैं। उन्होंने कहा कि जब तक भर्ती किए गए कर्मियों को तैनात नहीं किया जाता, तब तक छत्तीसगढ़ से घुसपैठ को रोकने और खुफिया-आधारित अभियानों को बढ़ाने की सख्त जरूरत है।
माझी ने बैठक में कहा, ‘‘वर्तमान परिदृश्य में मैं आपसे (केंद्र से) अनुरोध करता हूं कि जब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, केंद्रीय बलों को वापस न बुलाया जाए। साथ ही, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि दो साल की अवधि के लिए सीएपीएफकी कम से कम 12 कंपनियां भेजी जाएं, जिन्हें वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाए, ताकि घुसपैठ को रोका जा सके और समयबद्ध तरीके से ओडिशा से वामपंथी उग्रवाद को खत्म किया जा सके।’’
अधिक सुरक्षा बलों की मांग को उचित ठहराते हुए माझी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की बड़े पैमाने पर तैनाती और माओवाद विरोधी अभियान में तेजी आने के साथ वाजिब आशंका है कि चरमपंथी ओडिशा का रुख कर सकते हैं और वे राज्य के भीतर भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो सकते हैं। माझी ने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों और जवानों की आवाजाही, अग्रिम चौकियों के रखरखाव और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए निर्बाध हेलीकॉप्टर सेवा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।