प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौर ऊर्जा को अपने और दूसरों के लिए रोजगार का माध्यम बनाने वाली उड़िया महिला कुन्नी देवरी की रविवार को प्रशंसा की।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नवजात शिशुओं के लिए बैटरी चालित ‘पोर्टेबल वेंटिलेटर’ विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर की भी सराहना की। इस उपकरण का इस्तेमाल दूरदराज के क्षेत्रों में किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने नवाचार और अनुसंधान की बात करते हुए ओडिशा के क्योंझर जिले के देवरी का उदाहरण दिया।
मोदी ने कहा, “ओडिशा की एक बेटी कुन्नी देवरी सौर ऊर्जा को अपने साथ-साथ अन्य महिलाओं के लिए भी रोजगार का माध्यम बना रही हैं। कुन्नी ओडिशा के क्योंझर जिले के करदापाल गांव में रहती हैं। वह आदिवासी महिलाओं को सौर ऊर्जा से चलने वाली चरखी मशीन पर रेशम की कताई के लिए प्रशिक्षित करती हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह मशीन सौर ऊर्जा से चलने वाली है, इसलिए इन आदिवासी महिलाओं को बिजली के बिल का बोझ नहीं उठाना पड़ता और वे पैसा भी अर्जित कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह सूर्य देव की सौर ऊर्जा का वरदान है। जितना अधिक वरदान और आशीर्वाद फैले, उतना ही अच्छा है। इसलिए मैं आपसे इसमें शामिल होने और दूसरों को भी जोड़ने का आग्रह करता हूं।’’
मोदी ने आईआईटी भुवनेश्वर की भी प्रशंसा की, जहां नवजात शिशुओं के लिए पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह बैटरी चालित है और दूरदराज के इलाकों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की जान बचाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।’’
मोदी ने कहा, “हमारे कई छात्र नई तकनीक विकसित करने में लगे हुए हैं – चाहे वह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हो, ड्रोन तकनीक या 5जी। कई आईआईटी बहुभाषी परियोजना पर भी एक साथ काम कर रहे हैं, जो स्थानीय भाषाओं को सीखना आसान बना सकता है।