सिक्किम सरकार के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अब यह ‘‘लगभग निश्चित’’ है कि 15 माइल के पास बर्फ के नीचे कोई पर्यटक नहीं दबा है। इसी स्थान पर हिमस्खलन हुआ था और सेना एवं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दलों द्वारा तलाश अभियान बंद कर दिया गया है।
गंगटोक के जिलाधिकारी तुषार निखरे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हेल्पलाइन नंबर फिलहाल चालू रहेंगे ताकि पर्यटकों को उनके संबंधियों के बारे में जानकारी मिल सके। निखरे ने कहा, ‘‘हम लगभग निश्चित हैं कि 15वें माइल के पास कोई और पर्यटक बर्फ के नीचे नहीं फंसा है।’’
गंगटोक के जिलाधिकारी ने कहा कि सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, जीआरईएफ, सिक्किम पुलिस और राडार से लैस तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम के दो कर्मियों ने 15 माइल के पास सभी संभावित क्षेत्रों की तलाशी ली ताकि बर्फ के नीचे फंसे किसी भी पर्यटक का पता लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि सुबह आठ बजे से अपराह्न तीन बजे तक चलाए गए बचाव और तलाश अभियान के दौरान वहां कोई नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि बचाव दल ने नाथू ला से कुछ किलोमीटर दूर स्थित उस जगह पर मलबे में फंसे लोगों को खोजने के लिए खुदाई और ‘ट्रेंचिंग मशीन’ और अन्य आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई भी नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि नाथू ला और गंगटोक के बीच सड़क खुल गई है लेकिन मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अनुमति मिलने तक किसी भी पर्यटक वाहन को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पूर्वी सिक्किम के नाथुला इलाके में मंगलवार को हुए भीषण हिमस्खलन में सात पर्यटकों की मौत हो गई थी और 25-30 पर्यटक और छह वाहन बर्फ में फंस गए थे।
निखरे ने कहा कि यह घटना हिमस्खलन नहीं बल्कि ‘स्नो स्लाइड’ थी और इसे शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट किया है।
‘स्नो स्लाइड’ को ‘‘जीवन में एक बार होने वाली घटना’’ के तौर पर वर्णित करते हुए कहा कि वैसे सिक्किम पर्यटकों और अन्य आगंतुकों के लिए एक सुरक्षित स्थान है।
अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, सभी सात शवों का यहां एसटीएनएम में पोस्टमार्टम किया गया और उनमें से पांच शव परिजनों को सौंप दिये गए। अधिकारियों ने कहा कि शेष दो व्यक्तियों के शव कल परिजन ले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी और घायलों का मुफ्त इलाज किया जाएगा।