नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि डोडा की घटना पहली नहीं बल्कि पिछले साल जम्मू पर हमले की कई घटनाओं में से एक है। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि पर कथित निष्क्रियता को लेकर केंद्र से सवाल किया। उन्होंने कहा कि जब आप डोडा के बारे में पूछते हैं तो ऐसा लगता है कि यह पहली बार हुआ है। लेकिन सच्चाई ये है कि पिछले साल जम्मू क्षेत्र में कई जगहों पर लगातार हमले हुए हैं। अब्दुल्ला ने सरकार और पुलिस बलों से स्थिति की जिम्मेदारी लेने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लगभग 55 सैनिक मारे गए हैं। ऐसे में हम यह पूछने पर मजबूर हैं कि सरकार क्या कर रही है। वे कहते हैं कि उग्रवाद ख़त्म हो रहा है, लेकिन हमें ऐसा होता नहीं दिखता।
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जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने मंगलवार को अपनी राय व्यक्त करते हुए आरोप लगाया था कि समाज में पाकिस्तान की ‘सफल’ घुसपैठ के लिए क्षेत्रीय राजनीतिक दल जिम्मेदार हैं। उन्होंने क्षेत्र में मुख्यधारा की पार्टियों पर अपने चुनावी लाभ के लिए आतंकी नेटवर्क विकसित करने का भी आरोप लगाया। डीजीपी की टिप्पणी के जवाब में अब्दुल्ला ने कहा कि डीजीपी ने एक राजनीतिक बयान दिया है। राजनीति को राजनेताओं पर छोड़ देना ही बेहतर है।
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उन्हें उग्रवाद पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बात करनी चाहिए। उन्हें अपना काम करना चाहिए और हमें अपना काम करने देना चाहिए। सहायक डीजीपी विजय कुमार ने भी बुधवार को एक बयान दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस एक ‘अराजनीतिक, निष्पक्ष बल’ बनी रहेगी।