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Jammu-Kashmir में चुनाव की मांग करते हुए भाजपा पर बरसे उमर अब्दुल्ला, कहा- दफन हो रहा लोकतंत्र

जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दल लगातार केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर उनके निशाने पर भाजपा है। आज एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि लोग पीड़ित हैं क्योंकि उन्हें निर्वाचित सरकार के उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनता का गुस्सा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब हमें लगभग हर रोज बताया जाता है कि स्थिति में काफी सुधार हुआ है। यह सामान्य के करीब है… मेरा मानना ​​है कि, दुर्भाग्य से, जम्मू और कश्मीर वह जगह है जहां भारत में लोकतंत्र दफन होने जा रहा है। 
 

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इस बीच जम्मू-कश्मीर में चुनाव के मुद्दे पर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने भी कहा कि हमने हर जगह यही मांग की है कि चुनाव यहां जरूरी हैं…विधानसभा के चुनाव होने चाहिए। वहीं, उमर अब्दुल्ला ने स्मार्ट मीटर की स्थापना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग हर चीज़ लोगों को बाहर आने के लिए उकसाती है क्योंकि 5 अगस्त, 2019 के बाद जिस तरह से चीजें हुई हैं, उसे लेकर एक तरह का आक्रोश है। और यह कश्मीर की तुलना में जम्मू में अधिक दिखाई देता है। 
 

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पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया गया और दो केंद्र शासित प्रदेश – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख – बनाए गए।अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव न कराने का एक कारण यह भी है कि बीजेपी को डर है कि उसे अनुकूल नतीजे नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मैं केवल अनुमान लगा सकता हूं लेकिन एकमात्र निष्कर्ष जो मैं निकाल सकता हूं वह यह है कि भाजपा डरी हुई है कि नतीजे क्या होंगे। वे संसदीय चुनाव में अपनी संभावनाओं को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते। अब्दुल्ला ने केंद्र से कहा कि “यह कहने का साहस रखें कि स्थिति 2019 से पहले की तुलना में बदतर है”।

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