उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त वार-पलटवार का दौर चल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। हालांकि, राहुल गांधी के भाषण के बाद और संसदीय टिप्पणी के लिए उन्हें लोकसभा द्वारा नोटिस भी जारी किया जा चुका है। अब इसी नोटिस को लेकर राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया बोली है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मैंने संसद में कुछ भी गलत नहीं बोला है। चाहे तो कोई भी गूगल कर सकता है। गांधी ने कहा कि संसद में मेरे भाषण के कुछ अंश हटा दिए गए। मैंने किसी का अपमान नहीं किया।
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कांग्रेस नेता ने साफ तौर पर कहा कि मैंने जो कहा उसके संबंध में मुझे सबूत दिखाने के लिए कहा गया था और मैंने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने सबूत के साथ हर बिंदु को हटा दिया है। अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं है कि मेरे शब्दों को रिकॉर्ड पर जाने दिया जाएगा। देश के पीएम सीधे तौर पर मेरी बेइज्जती करते हैं लेकिन उनकी बातों को ऑफ द रिकॉर्ड नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि आपका नाम गांधी क्यों है, नेहरू क्यों नहीं। राहुल ने कहा कि सच्चाई हमेशा सामने आती है। आपको बस इतना करना है कि जब मैं बोल रहा था तो मेरे चेहरे और उनके चेहरे को देखना था। देखिए कितनी बार पीएम ने पानी पिया और कैसे पानी पीते हुए उनके हाथ कांप रहे थे।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम को लगता है कि वह बहुत शक्तिशाली हैं और लोग उनसे डर जाएंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह भारत के पीएम हैं। क्योंकि एक दिन उन्हें अपनी सच्चाई का सामना करने के लिए मजबूर किया जाएगा। राहुल ने कहा कि इस देश में हर किसी के लिए संसद की कार्यवाही देखना, देश में क्या हो रहा है और पीएम और अडानी के बीच सांठगांठ को समझना महत्वपूर्ण है। दूसरी ओर लोकसभा सचिवालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में टिप्पणी को लेकर विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से 15 फरवरी तक जवाब तलब किया है। सचिवालय ने गांधी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों की ओर से दिये गये विशेषाधिकार हनन नोटिस पर जवाब देने को कहा है।