भारत ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पड़ोसी देशों के कई नेताओं को आमंत्रित किया है। समारोह रविवार, 9 जून को शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा। उसी शाम, प्रधानमंत्री के नए मंत्रिमंडल का हिस्सा बनते हुए मंत्रिपरिषद भी अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, कई नेताओं ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और समारोह में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचेंगे।
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श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे
मालदीव के राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुइज्जू
सेशेल्स के उपराष्ट्रपति, अहमद अफीफ
बांग्लादेश के प्रधान मंत्री, शेख़ हसीना
मॉरीशस के प्रधान मंत्री, प्रविन्द कुमार जुगनाथ
नेपाल के प्रधान मंत्री, पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’
भूटान के प्रधान मंत्री, शेरिंग टोबगे
प्रधानमंत्री पद के लिए नामित नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार रविवार को शपथ लेंगे और वह प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे राजनेता होंगे। इस बीच, नयी सरकार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विभिन्न घटकों के लिए मंत्रिपरिषद में हिस्सेदारी को लेकर भाजपा नेतृत्व और सहयोगी दलों के बीच गहन विचार-विमर्श चल रहा है। अमित शाह और राजनाथ सिंह के अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता सरकार में प्रतिनिधित्व को लेकर तेलुगु देशम पार्टी के एन. चंद्रबाबू नायडू, जेडी(यू) के नीतीश कुमार और शिवसेना के एकनाथ शिंदे सहित सहयोगी दलों से परामर्श कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय भाजपा के पास रहेंगे, जबकि उसके सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं।
पार्टी के भीतर जहां शाह और सिंह जैसे नेताओं का नये मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जैसे शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल खट्टर और सर्बानंद सोनोवाल सरकार में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं। सूत्रों ने बताया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू, जद(यू) के ललन सिंह, संजय झा और राम नाथ ठाकुर तथा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान उन सहयोगियों में शामिल हैं जो नयी सरकार का हिस्सा हो सकते हैं। महाराष्ट्र, जहां भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा है, और बिहार, जहां विपक्ष ने वापसी के संकेत दिए हैं, सरकार गठन की कवायद के दौरान फोकस में हो सकते हैं महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि बिहार में अगले साल चुनाव होंगे।
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने नौ और 10 जून के लिए राष्ट्रीय राजधानी को ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित किया है और निषेधाज्ञा लागू की है। दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी और राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनी, राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) कमांडो, ड्रोन और ‘स्नाइपर’ (अचूक निशानची) को तैनात किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) के सदस्य देशों की गणमान्य हस्तियों को आमंत्रित किए जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी ‘हाई अलर्ट’ पर रहेगी। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निषेधाज्ञा नौ और 10 जून को दो दिन तक लागू रहेगी।
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कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को नहीं मिला है, लेकिन न्योता मिलने के बाद इस पर विचार किया जाएगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए अभी सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नेताओं को निमंत्रण गया है। अभी तक हमारे नेताओं को निमंत्रण नहीं आया है। अगर इंडिया जनबंधन के नेताओं को निमंत्रण आएगा तो उस पर हम विचार करेंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह मनोनीत पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “मुझे (निमंत्रण) नहीं मिला है, न ही मैं जाऊंगी।”