पथानामथिट्टा। पथानामथिट्टा जिले के थुलापल्ली में वन क्षेत्र के पास सोमवार को तड़के एक जंगली हाथी के हमले में 53 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि स्थानीय ऑटोरिक्शा चालक बीजू ने वन क्षेत्र के किनारे अपने मकान के पास से हाथी को भगाने की कोशिश की जिसके बाद हाथी ने उस पर हमला कर दिया। इसी के साथ केरल में पिछले तीन महीने में जंगली हाथियों के हमले में मारे गए लोगों की संख्या पांच हो गई है।
बीजू अपने मकान के बाहर हाथी की आवाज सुनकर अपनी पत्नी डेजी के साथ बाहर आया था। डेजी ने बाद में बताया कि हाथी ने अपनी सूंड़ से बीजू को जमीन पर दो बार पटका। उसने बताया कि जानवर ने एक नारियल के पेड़ को उखाड़ने की कोशिश की और फिर वह तेजी से बीजू की ओर बढ़ा। उसने कहा, ‘‘हम तड़के अपने घर के पास हाथी की आवाज सुनकर एक साथ बाहर निकले। पहली बार, हम एक साथ घर वापस आये लेकिन हाथी की आवाज फिर से सुनाई देने पर बीजू पुन: बाहर निकल गाया।’’
महिला ने कहा कि जानवर अचानक बीजू की ओर दौड़ा और उसने अपनी सूंड़ से पकड़कर उसे दो बार जमीन पर पटक दिया। इसके बाद वह जंगल में भाग गया। पुलिस का एक दल घटनास्थल पर पहुंचा और बीजू के शव को कोट्टायम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। स्थानीय निवासियों ने बाद में मानव-पशु संघर्ष की समस्या के स्थायी समाधान की मांग करते हुए क्षेत्र में धरना-प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज बाद में बीजू के घर गईं और उनके परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार जल्द से जल्द परिवार को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करेगी।
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केरल में हाल के महीनों में जंगली हाथियों के हमले के कारण लोगों की मौत होने की कई घटनाएं हुई हैं। इससे पहले 28 मार्च को वायनाड और मलप्पुरम जिलों की सीमा से लगे वन क्षेत्र के अंदर जंगली हाथी ने एक आदिवासी महिला को कथित तौर पर कुचलकर मार डाला था। इससे पूर्व फरवरी में 50 वर्षीय एवं 42 वर्षीय दो व्यक्तियों, जनवरी में 65 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति और मार्च के पहले सप्ताह में एक महिला की हाथी के हमले में मौत हो गई थी।