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‘अगर BJP सरकार की नीतियों का विरोध करना जुर्म है तो करता रहूंगा’, BSP से सस्पेंड होने के बाद बोले दानिश अली

दानिश अली ने शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती द्वारा उन्हें पार्टी से निलंबित करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि वह कभी भी किसी भी तरह की “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल नहीं रहे हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि बसपा प्रमुख मायावती फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। दानिश अली ने कहा कि मैं कभी भी किसी भी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहा हूं। मेरे अमरोहा की जनता इसकी गवाह है। मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया है और करता रहूंगा। 
 

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इसके साथ ही अमरोहा से सांसद ने कहा कि अगर ऐसा करना अपराध है तो मैंने यह अपराध किया है और मैं इसकी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं। वहीं, उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि मैं बहन मायावती जी का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा की उन्होंने मुझे बसपा का टिकट दे कर लोक सभा का सदस्य बनने में मदद की। बहन जी ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया। मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला। उनका आज का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से बसपा को मज़बूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। इस बात की गवाह मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता है। 
दानिश अली ने कहा कि मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध ज़रूर किया है और करता रहूँगा। चंद पूँजीपतियों द्वारा जनता कि संपत्तियों की लूट के ख़िलाफ़ भी मैंने आवाज़ उठायी है और उठाता रहूँगा। क्योंकि यही सच्ची जन सेवा है। यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने ये जुर्म किया है, और में इसकी सज़ा भुगतने को तैयार हूँ। मैं अमरोहा की जानता को आश्वस्त करना चाहता हूँ की आप की सेवा में हमेशा हाज़िर रहूँगा। सूत्रों के मुताबिक, अली को बसपा से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि वह संसद में कांग्रेस का समर्थन कर रहे थे। कांग्रेस ने भी अली को उनके सामने आए मुद्दों पर समर्थन दिया था, जिसके कारण मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी को बार-बार चेतावनी मिली थी।
 

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शुक्रवार को, अली ने विपक्ष का पक्ष लिया और लोकसभा सांसद के रूप में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा के निष्कासन की निंदा की। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि निचले सदन में उसके “प्रचंड बहुमत” का मतलब यह नहीं है कि वह “विपक्ष का गला घोंट देगा”। बुधवार को, अब निलंबित बसपा नेता ने कांग्रेस के रेवंत रेड्डी को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले बधाई दी थी। दानिश अली लगातार विपक्षी गठबंधन के साथ अपनी नजदीकी दिखा रहे हैं। वह कांग्रेस और अन्य बसपा विरोधी दलों के साथ में सुर मिलाते दिख जाते हैं।

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