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I.N.D.I.A के सांसदों ने Churachandpur Relief Camp में जनता का हाल जानने के बाद PM Modi पर साधा निशाना

विपक्षी गठबंधन इंडिया के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को इंफाल पहुँचा। इसके बाद सांसदों के दल ने तीन मई से पूर्वोत्तर राज्य में भड़की जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए कई राहत शिविरों का दौरा किया। सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इंफाल पहुंचने के बाद चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे कुकी समुदाय के पीड़ितों से मिलने गया, जहां हाल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। प्रतिनिधिमंडल के दौरे के संबंध में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘वे सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर गए। इस समय केवल एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा गया और हेलीकॉप्टर ने उन्हें पहुंचाने के लिए दो फेरे लगाए।”
इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष भारत की छवि को खराब कर रहा है और इसे समाप्त करने के लिए सभी दलों को एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश करनी होगी। चौधरी ने कहा, ‘‘हम यहां जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने और समस्या को समझने के लिए आए हैं। हम चाहते हैं कि यह हिंसा जल्द से जल्द समाप्त हो और शांति बहाल हो। मणिपुर में जो हो रहा है, उसे पूरी दुनिया देख रही है।’’ 

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इसके अलावा, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने चुराचांदपुर के डॉन बॉस्को स्कूल में स्थापित राहत शिविर में लोगों से मुलाकात करने के बाद कहा कि ‘‘हमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर बहुत खुशी होती, लेकिन वह परिदृश्य में कहीं नजर ही नहीं आ रहे। उन्होंने संसद में मणिपुर को लेकर एक शब्द नहीं कहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) इस परिदृश्य से पूरी तरह गायब है, लेकिन ‘इंडिया’ मौजूद है। ‘इंडिया’ मणिपुर के लोगों के साथ खड़ा है। हम राज्य में शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’’ वहीं प्रतिनिधिमंडल में मौजूद राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि दिल्ली लौटने के बाद, हम अपने आकलन के आधार पर विभिन्न मुद्दों को संसद में उठाएंगे और इन मुद्दों पर केंद्र का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे।
हम आपको बता दें कि इस प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एए रहीम भी शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल मणिपुर की राज्यपाल से भी मुलाकात करेगा। उधर, मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी चुराचांदपुर में एक राहत शिविर का दौरा किया और हिंसा प्रभावितों को आश्वस्त किया कि उनकी पूरी मदद की जायेगी।
हम आपको यह भी बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। देखा जाये तो मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
हम आपको यह भी बता दें कि सीबीआई ने मणिपुर में चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने संबंधी उस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसका वीडियो इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था, जो मणिपुर में हिंसा संबंधी छह मामलों की जांच पहले ही कर रही है।

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