विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच एक सप्ताह तक चली गहन बहस के बाद, एजेंडे में कई प्रमुख विधेयकों के साथ संसद का बजट सत्र आज फिर से शुरू हुआ। लोकसभा ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों को पारित किया। भूपेन्द्र यादव ने लोकसभा में मोरों की मौत पर सवाल का जवाब दिया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने बांग्लादेश के घटनाक्रम से जुड़ा विषय लोकसभा में उठाने की कोशिश की। तेलक्षेत्र विनियमन एवं विकास संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया। वहीं, आज विपक्ष ने सरकार पर गृह जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। शिवराज सिंह चौहान ने आज एक बार फिर से विपक्ष को आज खूब सुनाया।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के पांच साल पूरा होने के मौके पर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह कदम देश के लोकतंत्र और जम्मू-कश्मीर के लिए ठीक नहीं था। इस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने प्रतिवाद किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए यह कदम उठाया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार जीडीपी का ढाई प्रतिशत बजट स्वास्थ्य क्षेत्र में आवंटित करने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रही है और उसने पिछले दस साल में स्वास्थ्य बजट आवंटन में 164 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पूरी ईमानदारी, पूरी ताकत के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है और दुनिया ने माना है कि भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में एक उदाहरण बन गया है। दुनिया के सारे लोग आयुष्मान भारत के मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि ‘गंभीर कपट अन्वेषण कार्यालय’ (एसएफआईओ) सहारा समूह की कंपनियों से संबंधित मामले की विस्तृत जांच कर रहा है और इसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि सहारा समूह के पूरे मामलों की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है और सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की मुद्रा ऋण श्रेणी से जुड़ी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) घटकर 3.4 प्रतिशत रह गयी है। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह 2020-21 में 4.77 प्रतिशत, 2019-20 में 4.89 प्रतिशत और 2018-19 में 3.76 प्रतिशत रहा।
विपक्षी दलों ने मत्स्य, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन को अपर्याप्त करार देते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार को पशुपालकों, मत्स्यपालकों और डेयरी उत्पादकों के विकास के लिए बजट में बढ़ोतरी करनी चाहिए। दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र में हुए विकास और सरकारी कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन तथा अन्य कई क्षेत्रों में देश ने खूब तरक्की की है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद सयानी घोष ने कहा कि इस सरकार की स्थिति यह है कि पिछले 10 साल के दौरान हर दिन औसतन 30 किसानों ने आत्महत्या की है। घोष ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ये (भाजपा) गौरक्षा की बात कर रहे हैं, लेकिन आज चारा का संकट है। सरकार ने खुद माना है कि देश में चारा का संकट है।’’ भाजपा सदस्य दुष्यंत सिंह ने कहा कि इस सरकार में किसानों को समृद्ध बनाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पशुपालन का गरीबी उन्मूलन में बड़ा योगदान है। सिंह का कहना था कि दुग्ध उत्पादन में वार्षिक छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कांग्रेस को किसान विरोधी करार देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजनीतिक दलों से अपील की कि वे किसानों को वोट बैंक मानना बंद करें तथा उनके साथ इंसान की तरह व्यवहार करें। उच्च सदन में कृषि मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा पर अधूरे रह गये अपने जवाब को आगे बढ़ाते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से न केवल छोटे एवं सीमांत किसान सशक्त हुए बल्कि उनका सम्मान भी बढ़ा है।
सरकार पर गृह एवं रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा से बचने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने सोमवार को राज्यसभा में दावा किया कि बड़ी-बड़ी घोषणाओं पर काम कुछ भी नहीं हुआ है। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि वैसे तो सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण हैं लेकिन इस मंत्रालय का संबंध देश की आने वाली पीढ़ियों से है।
सरकार ने सोमवार को कहा कि विकसित भारत कोई परियोजना नहीं है, बल्कि एक विजन दस्तावेज है, जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की रूपरेखा रेखांकित करता है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘‘यह वास्तव में कोई परियोजना नहीं है। यह एक विजन दस्तावेज है, जो तैयार किया जा रहा है…चूंकि विकसित भारत कोई परियोजना नहीं है, इसलिए राज्यों को वित्तीय सहायता देने का प्रावधान नहीं है।’’
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कांग्रेस की एक सदस्य ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि जून से सितंबर की छुट्टियों के दौरान खाड़ी देशों के लिए हवाई किराया पांच गुना बढ़ गया है, जिससे उन गरीब श्रमिकों और मध्यम वर्ग के प्रवासियों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जो भारत आना चाहते हैं। उच्च सदन में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए केरल से कांग्रेस की सदस्य जेबी माथेर हीशम (कांग्रेस) ने इसे ‘संगठित लूट’ करार दिया और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।