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विपक्षी नेताओं का फोन हैक कर जासूसी कराई जा रही है : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को दावा किया कि विपक्षी नेताओं का फोन हैक किया जा रहा है और उनकी जासूसी कराई जा रही है।
सपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश ने कहा, ‘‘बड़े दुख की बात है कि सुबह-सुबह यह (फोन हैक कराने की) जानकारी मिली। इस तरह का संदेश कंपनी के माध्यम से मोबाइल पर आया। संदेश में कहा गया है कि सरकारी एजेंसी या सरकार की तरफ से आपका (मोबाइल) फोन हैक किया जा रहा है या जासूसी की जा रही है।’’
अखिलेश यादव ने मंगलवार शाम सोशल नेटवर्किंग साइट एक्‍स पर एक पोस्‍ट में कहा, सुना है सत्ताधारी अब विपक्षियों के फोन की जासूसी करवा रहे हैं। इसी पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा, विपक्ष की बात सुनने से ज़्यादा अच्छा तो ये है कि सत्ताधारी ‘जनता की आवाज़’ सुन लें तो कम-से-कम उन्हें सुधार का कुछ मौका मिल जाए और फिर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, ध्वस्त क़ानून व स्वास्थ्य व्यवस्था, महिला अपराध, युवाओं के रोष; ग़रीबों, दलितों, वंचितों, किसानों, मजदूरों के शोषण; जातीय जनगणना व सामाजिक न्याय जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कुछ सकारात्मक काम हो सके।

सपा प्रमुख ने एक्‍स पर लिखा, पता नहीं क्यों, पर सुना ये भी है कि उनके (सरकार) अपने दलवाले इस जासूसी से ज़्यादा डरे हैं। सत्ताधारी काम करें, कान न लगाएं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले भी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के आवास के फोन रिकॉर्ड किए गए थे। उन्होंने कहा कि जो सरकार इसमें शामिल थी, उसे सत्ता छोड़नी पड़ी और जो सरकार अब ऐसा ही कर रही है, उसका भी वही हश्र होगा।
कई विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि उन्हें एप्पल से एक अलर्ट मिला है जिसमें उन्हें आगाह किया गया है कि सरकार-प्रायोजित हमलावर उनके आईफोन से दूर से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।
अखिलेश ने कहा, ‘‘बड़े दुख की बात है कि हमारे लोकतंत्र में आजादी और आपकी निजता को ये (सत्तारूढ़ दल) खत्म करना चाहते हैं।

आखिर यह जासूसी किसलिए है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी के बड़े नेताओं के मोबाइल सर्विलांस पर ले लिए गए। लोकतंत्र में इसकी कोई जगह नहीं है।’’
सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए और बताना चाहिए कि अलग-अलग दलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ ऐसा क्यों हो रहा है।
हालांकि, उन्होंने ऐसा कोई संदेश मीडिया को दिखाने से इनकार किया।
अखिलेश ने सत्तारूढ़ दल की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘सपा ने जिस तरह से ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) यात्रा या पदयात्रा की, संगठन ने जिस तरह से इस कार्यक्रम को संचालित किया, पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी साइकिल से अथवा पैदल तय की गई…, उसे मिले जनसमर्थन और तैयारियों को देखते हुए ये लोग (सरकार) घबराए हुए हैं।’’
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘सरकार फोन की जासूसी करके क्या पाएगी, किसी की जासूसी करके क्या होगा, जब जनता ही आपके खिलाफ है।’’

अखिलेश ने भाजपा के दलित सम्मेलन पर भी तंज कसा और कहा, भाजपा के ये वही लोग हैं जो लोगों को, मिलने से पहले साबुन से नहलाते हैं। ये कहते हैं कि साफ सुथरे होकर, ब्रश करके आएं, तब मिलेंगे।
कानपुर में एक बच्चे की अपहरण के बाद हत्या के मामले पर अखिलेश ने सत्तारूढ़ दल के अविवाहित नेताओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि जिनका परिवार नहीं है, वे परिवारवालों का दुख नहीं समझ सकते।
उन्होंने कानून व्यवस्था पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दूसरे प्रदेशों के अधिकारी बुलाए जा रहे हैं तथा पुलिस से राजनीतिक फायदे लिए जा रहे हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि 115 करोड़ लोग भाजपा से नाराज हैं, क्या सभी को ये लोग जेल भेज देंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार गैर बराबरी दूर नहीं करना चाहती, वह आरक्षण छीनना चाहती है, महापुरुषों का इतिहास बदलना चाहती है। इसीलिए हमें गेट फांदकर लोक नायक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने जाना पड़ा और अगले साल भी वह ताला लगाएंगे, तो हम फिर वैसे ही जाएंगे।’

गौरतलब है कि लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर यहां जेपीएन अंतरराष्ट्रीय केन्द्र में यादव ने लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा गेट पर ताला लगाए जाने के बाद दीवार फांदकर अंदर जाकर माल्यार्पण किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महंगाई, बेरोजगारी, अन्याय चरम पर है और सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं है। पिछले सात साल में सरकार ने कितनी बार कहा कि सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी लेकिन गड्ढे से लोगों की जान जा रही है, डेंगू से लोगों की जान जा रही है।’’
अखिलेश ने कहा कि इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो मुख्यमंत्री खुद जिम्मेदार हैं क्योंकि वह बजट नहीं दे रहे हैं।

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