संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। दूसरे चरण में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त तरीके से वार-पलटवार का दौर चल जारी है। इन सब के बीच आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर विपक्षी दलों की बैठक हुई। जानकारी के मुताबिक विपक्षी दलों की बैठक के में ईवीएम को लेकर गहन चर्चा हुई है। कांग्रेस की ओर से इस बैठक में दिग्विजय सिंह शामिल हुए। इसके अलावा रामगोपाल यादव, कपिल सिब्बल भी इस बैठक में मौजूद थे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर बैठक के बाद कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि रिमोट ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। लगभग सर्वसम्मति से, रिमोट ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने पर (पार्टियों द्वारा) असहमति जताई गई थी। वे एक प्रदर्शन देना चाहते थे, लेकिन वह भी ठुकरा दिया गया। इसे लेकर देश में संदेह है।
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दिग्विजय सिंह ने कहाकि पहले वे कहते थे कि यह एक स्टैंडअलोन मशीन है लेकिन अब वे स्वीकार करते हैं कि यह एक स्टैंडअलोन मशीन नहीं है क्योंकि उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह इंटरनेट के माध्यम से डाला जाता है। वे कहते थे कि इसमें एक बार प्रोग्राम करने योग्य चिप है। लेकिन अब वे स्वीकार करते हैं कि इसमें कई प्रोग्रामेबल चिप हैं। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद सभी राजनीतिक दल इस बात से सहमत हैं कि हमें चुनाव आयोग से यह पूछने की जरूरत है और हमारे मन से संदेह दूर किया जाना चाहिए। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कह कि जब भी EVM में खराबी आती है वोट BJP को जाता है। ये भ्रम सिर्फ राजनैतिक दलों को नहीं है, ये भ्रम जनता में फैल चुका है इसलिए हमने फैसला किया है कि हम चुनाव आयोग के पास जाएंगे और हमारे सवालों के लिखित में जवाब मांगेंगे।
उन्होंने कहा कि दुनिया की किसी भी मशीन के साथ छेड़छाड़ हो सकती है और कोई साइंस या कोई एक्सपर्ट यह नहीं कह सकता कि मशीन के साथ छेड़छाड़ नहीं होती और इसीलिए किसी भी लोकतांत्रिक देश में वोटिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन का इस्तेमाल नहीं होता। पवार ने माना है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के हित में, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के सटीक होने की आवश्यकता है और उसके कथित दुरुपयोग से संबंधित किसी भी संदेह को मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा दूर किया जाना चाहिए।
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पवार ने विपक्षी नेताओं को लिखे अपने पत्र में कहा कि विशेषज्ञों ने कहा है कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है और ‘‘हम लोकतंत्र को अनैतिक तत्वों द्वारा बंधक बनाने नहीं दे सकते। इसलिए, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के हित में, हमें एकसाथ बैठना चाहिए और प्रख्यात आईटी पेशेवरों और क्रिप्टोग्राफर द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को सुनना चाहिए।’’