Breaking News

Bihar के मंत्रियों पर लगे आरोपों को लेकर विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया

बिहार में विपक्षी दल भाजपा ने एक मंत्री को हटाने और एक हत्या के मामले में उनकी कथित संलिप्तता की जांच की मांग को लेकर मंगलवार को राज्य विधानसभा से बहिर्गमन किया।
बिहार विधानसभा की पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होने पर प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने विपक्ष द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्तावों पर तुरंत चर्चा की अनुमति देने की मांग की।

इस महीने की शुरुआत में मुजफ्फरपुर में हुई एक हत्या से संबंधित प्राथमिकी में राजद कोटे के मंत्री इस्राइल मंसूरी का नाम शामिल नहीं किए जाने और इसी पार्टी के एक अन्य मंत्री सुरेंद्र यादव द्वारा सेना के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणी के खिलाफ कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया गया था।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के समझाने पर भी विपक्ष के सदस्य नहीं माने और कुछ विधायक आसन के समीप आ गये।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन को यह सूचित किया कि मंत्री सुरेंद्र यादव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनका सशस्त्र बलों का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था, इस पर अध्यक्ष ने टिप्पणी की कि इस मामले को अब समाप्त माना जाए।

हालांकि सिन्हा ने मंसूरी का मुद्दा जारी रखते हुये आरोप लगाया कि नौ फरवरी को मुजफ्फरपुर में कांटी थर्मल पावर प्लांट के पास एक किशोर राहुल कुमार की हत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी से मंत्री का नाम दबाव में हटा दिया गया।
प्रदर्शन कर रहे कुछ मजदूरों पर अंधाधुंध गोलीबारी की घटना में लड़के की मौत हो गई थी और भाजपा का आरोप है कि हमलावर मंसूरी के गुर्गे थे जो कांटी से विधायक भी हैं।

सिन्हा ने कागज का एक टुकड़ा लहराते हुए कहा कि मृतक के पिता ने पुलिस से संपर्क किया था और उन्हें एक कागज पर अपने अंगूठे का निशान लगाने के लिए मजबूर किया गया जिसे पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए इस्तेमाल किया।
संसदीय मामलों के मंत्री के यह कहने के बाद कि भले ही आरोप सही हों पर किसी मामले में किसी अभियुक्त का नाम शामिल करने का आदेश सदन द्वारा नहीं दिया जा सकता है और विपक्ष के नेता को जरूरी कार्रवाई के लिए सरकार को अपने दस्तावेज साझा करने चाहिए।

मंत्री के जवाब के बाद प्रश्नकाल जारी रहा लेकिन विपक्ष की नारेबाजी भी जारी रही।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष द्वारा सामग्री उपलब्ध कराई जाए और मामले की गहन जांच की जाएगी। इस दैरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी सदन में उपस्थित थे।
हालांकि सिन्हा ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप हमेशा दोषी को न बख्शने के पक्षधर रहे हैं पर आरोप मंत्री पर है वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उनके दोषमुक्त होने तक की अवधि के लिए उन्हें मंत्री पद से हटाया जाना चाहिए।

सदन की कार्यवाही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चलती रही और दोपहर में प्रश्नकाल समाप्त होने से लगभग आधे घंटे पहले विपक्ष विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गये।
विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिन्हा ने आरोप लगाया, ‘‘यह एक ऐसी सरकार है जो एक हत्या और सशस्त्र बलों के अपमान में शामिल मंत्रियों की रक्षा करती है। सरकार उदासीन दिख रही है और अध्यक्ष पक्षपाती हो गयी है। लेकिन हम मूकदर्शक नहीं बने रहेंगे। हम इन मुद्दों को सड़क से सदन तक तक उठाते रहेंगे।

Loading

Back
Messenger