एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए संयुक्त समिति की रिपोर्ट का विरोध किया और कहा कि यह अनुच्छेद 15, 15 और 29 का गंभीर उल्लंघन है और इसे मुसलमानों से वक्फ छीनने और उसे नष्ट करने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेपीसी के सदस्यों ने जो कहा है उससे मैं सहमत हूं, यह वक्फ विधेयक न केवल असंवैधानिक है और अनुच्छेद 15, 15 और 29 का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि मुसलमानों से वक्फ छीनने और उसे नष्ट करने के लिए लाया जा रहा है। हम इस बिल की निंदा करते हैं।
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सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि हमने अपने मुखिया अखिलेश यादव के नेतृत्व में इस बिल का विरोध किया क्योंकि यह बिल देश के हित में नहीं है। बीजेपी इसे थोपना चाहती है और मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की राजनीति करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब वे इस पर चर्चा करेंगे तो हम फिर इसका विरोध करेंगे और अगर उन्होंने इसे किसी भी तरह से लागू करने की कोशिश की तो हम न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है और हमें समिति के सदस्यों से जानकारी मिली है कि समिति की कार्यवाही पक्षपातपूर्ण तरीके से आयोजित की गई थी। इनपुट स्वतंत्र रूप से नहीं लिए गए। हम बिल के खिलाफ हैं। यह असंवैधानिक और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है। जेपीसी सदस्यों के कई असहमति वाले नोट्स को संपादित कर रिपोर्ट में डाला गया है। उनकी चिंताओं को शामिल नहीं किया गया है।