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ओवैसी ने समान नागरिक संहिता को लेकर मोदी पर साधा निशाना

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला और आरोप लगाया कि वह मुस्लिमों को निशाना बनाने के साथ ही ‘‘हिन्दू नागरिक संहिता’’ लाना चाहते हैं।
ओवैसी ने तीन तलाक और पसमांदा मुसलमानों पर टिप्पणी को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की।
भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, भारत के प्रधानमंत्री अब समान नागरिक संहिता की चर्चा कर रहे हैं। क्या आप समान नागरिक संहिता के नाम पर बहुलवाद, विविधता को छीन लेंगे?
उन्होंने कहा, …वह (प्रधानमंत्री) समान नागरिक संहिता की चर्चा नहीं कर रहे हैं। वह हिंदू नागरिक संहिता की बात कर रहे हैं। (वे) सभी इस्लामी प्रथाओं को अवैध करार दे देंगे और प्रधानमंत्री, कानून के तहत हिंदू प्रथाओं की रक्षा करेंगे।

ओवैसी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 300 सांसद हैं और वह चुनौती देते हैं कि क्या हिंदू अविभाजित परिवार को खत्म कर दिया जाएगा और क्या वह ऐसा कर पाएंगे?
उन्होंने दावा किया कि मोदी को पंजाब में यूसीसी लाने के इरादे के बारे में बोलना चाहिए और देखिये क्या प्रतिक्रिया होगी।
ओवैसी ने कहा, मैं फिर कह रहा हूं, प्रधानमंत्री , हिंदू नागरिक संहिता के बारे में बात करना चाहते हैं, इसे लाना चाहते हैं। यही उनका मकसद है। असल मकसद भारत के मुसलमानों को निशाना बनाना और उन्हें अपमानित करना है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में यह भी कहा गया है कि भारत की संपत्ति देश के लोगों के बीच वितरित की जाए और देश की 50 प्रतिशत संपत्ति आठ से 10 लोगों के पास है।
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री इस बारे में बात क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि नीति निर्देशक सिद्धांत में शराब पर रोक की भी बात है तो शराब पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाता ?
उन्होंने आंबेडकर (डा. भीमराव आंबेडकर) का हवाला देते हुए कहा कि यूसीसी स्वैच्छिक होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने आज भोपाल में एक जनसभा में सवालिया लहजे में कहा कि मिस्र में 80-90 साल पहले तीन तलाक प्रथा को खत्म कर दिया गया और यदि यह जरूरी ही था तो फिर पाकिस्तान, कतर एवं अन्य मुस्लिम बहुल देशों में इसे क्यों खत्म कर दिया गया?
उनकी टिप्पणी पर ओवैसी ने कहा कि राजग सरकार ने तीन तलाक के विरूद्ध कानून तो बनाया लेकिन उससे जमीनी स्तर पर कोई फर्क नहीं आया।
उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान का हवाला देते हुए मोदी जी ने कहा है कि वहां तीन तलाक पर प्रतिबंध है। मोदी जी पाकिस्तानी कानून से क्यों प्रेरणा ले रहे हैं? उन्होंने यहां तीन तलाक के विरूद्ध कानून बनाया लेकिन उससे जमीनी स्तर पर कोई फर्क नहीं आया।’’
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ इसके विपरीत, महिलाओं का शोषण बढ़ गया है। हम हमेशा मांग करते रहे हैं कि समाज सुधार कानूनों के माध्यम से नहीं होगा। यदि कानून ही बनाया जाना है तो उन पुरुषों के विरूद्ध बनाया जाना चाहिए जो अपनी पत्नियों को छोड़कर भाग जाते हैं।’’ओवैसी ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि एक तरफ प्रधानमंत्री पसमांदा मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं जबकि उनके लोग मस्जिदों पर हमले कर रहे हैं, उनकी (मुसलमानों की) आजीविका छीन रहे हैं, उनके घरों पर बुलडोजर चला रहे हैं और पीट-पीटकर उनकी जान ले रहे हैं।
पिछड़े वर्ग के मुसलमानों के लिए पसमांदा शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।

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