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पाकिस्तान, अमेरिका, चीन, रूस…इन देशों के साथ भारत के रिश्तों पर विदेश मंत्री ने बेबाकी से दिया जवाब

विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। किसी भी देश के साथ भारत के संबंधों को लेकर वे बेबाक तरीके से अपनी बात रखते हैं। एक बार फिर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-रूस, भारत-चीन, भारत-अमेरिका और भारत-पाकिस्तान के रिश्तो को लेकर अपनी राय रखी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को नहीं छोड़ता तब तक रिश्ते सामान्य नहीं होंगे। जबकि चीन को लेकर उन्होंने कहा कि अभी रिश्ते असामान्य है। रूस और अमेरिका को लेकर भी विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। 
 

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विदेश मंत्री ने कहा कि हम आतंकवाद को सामान्य नहीं होने दे सकते, हम उसे पाकिस्तान के साथ चर्चा का आधार नहीं बनने दे सकते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से आतंकवाद की नीति के रहते हुए सामान्य संबंध होना संभव नहीं है।

चीन को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी संबंध उच्च स्तर की पारस्परिकता पर आधारित होना चाहिए। एक-दूसरे के हितों का सम्मान और समझौतों का पालन किया जाना चाहिए। लेकिन चीन के साथ ऐसा नहीं है, आज हम चीन के साथ संबंधों के कठिन दौर में हैं। उन्होंने कहा कि देशों के बीच संबंध बॉर्डर की स्थिति का निर्भर करते हैं और चीन के साथ बॉर्डर की स्थिति आज भी असामान्य है।
 

भारत-रूस संबंध को लेकर एस जयशंकर ने कहा कि तमाम उथल-पुथल के बावजूद रूस के साथ हमारे संबंध स्थिर बने हुए हैं। हमने इसके महत्व के संबंध में वर्षों से अपना मूल्यांकन किया है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ संबंधों को केवल रक्षा निर्भरता तक सीमित करना एक गलती है। रूस के साथ हमारे संबंधों के आर्थिक हिस्से में वृद्धि हुई है। 
 

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विदेश मंत्री ने कहा कि आज, यह एक बहुत ही ध्रुवीकृत दुनिया है, और वैश्विक मंच बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है…संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे संबंध असाधारण रूप से अच्छे हैं। इतिहास में हमारी सबसे उपयोगी यात्रा रही है। उन्होंने कहा कि हम सामान्य उद्देश्यों के लिए दुनिया को आकार देने के लिए अमेरिका के साथ एक सकारात्मक क्षेत्र में चले गए हैं। यूरोप पर दिया जा रहा ध्यान उल्लेखनीय है…हमारे सामने बड़ा मुद्दा मुक्त व्यापार समझौता करना है, लेकिन हम अतीत की तुलना में अधिक आशान्वित हैं। 

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