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Parliament Diary: निर्मला सीतारमण पेश किया अंतरिम बजट, जय श्रीराम और जय सियाराम के नारे भी लगे

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अंतरिम बजट पेश किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। 6 बार बजट पेश करने के मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की बराबरी कर ली। उन्होंने भी छह बार बजट पेश किया था। सदन के कार्यवाही शुरू होते ही निर्मला सीतारमण ने बजट पढ़ना शुरू किया। इसके बाद आखिर में वित्त मंत्री ने बजट को सदन के पटल पर रखा और कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब बजट पेश कर रही थीं, उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सभी केंद्रीय मंत्री उपस्थित रहे। आपको बता दें कि इस साल आम चुनाव होने हैं। आम चुनाव के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। 
 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में अपना लगातार छठा बजट पेश किया और 56 मिनट में अपना बजट भाषण समाप्त किया जो उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है। फिरोजी रंग की कढ़ाई वाली कांथा सिल्क की साड़ी पहनकर संसद पहुंचीं सीतारमण के भाषण के दौरान लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य उनकी घोषणाओं और टिप्पणियों पर बीच-बीच में मेजें थपथपाते देखे गए। जब उन्होंने कहा कि ‘‘हमारी सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी’’ तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सबसे ज्यादा देर तक मेजें थपथपाईं। विपक्षी सदस्यों ने भी वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरे ध्यान से सुना। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार के सत्ता में लौटने संबंधी कथन पर विपक्ष की ओर से कुछ विरोध के स्वर सुनाई दिए। 
इससे पहले आज पूर्वाह्न 11 बजे बजट भाषण शुरू होने से पहले जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा कक्ष में पहुंचे तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्रीराम’ और ‘जय सियाराम’ के नारे लगाए। सीतारमण का 56 मिनट का आज का बजट भाषण उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है। सदन में सबसे लंबा बजट भाषण देने का श्रेय भी सीतारमण को जाता है जब उन्होंने साल 2020 में दो घंटे 40 मिनट तक भाषण पढ़ा था। भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में 2019 में सीतारमण का बजट भाषण दो घंटे 17 मिनट तक चला था। साल 2021 में उन्होंने एक घंटा 50 मिनट तक बजट भाषण दिया। 2022 में उनका यह भाषण 92 मिनट का और 2023 में 87 मिनट का रहा। सीतारमण के आज के बजट भाषण में पहले की तरह तमिल कवियों और विचारकों के उद्धरण नहीं थे। हालांकि उन्होंने कम से कम आठ बार प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख किया और उनके भाषणों के अंश पढ़े। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को “वंदे भारत” मानकों के अनुरूप बदला जाएगा और तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रम क्रियान्वित किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने लोकसभा में 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रम क्रियान्वित किए जाएंगे जिसके परिणामस्वरूप, अधिक यातायात वाले गलियारों में भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार लाने में भी मदद मिलेगी और यात्री सुरक्षा एवं यात्रा की रफ्तार बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि समर्पित मालभाड़ा गलियारों के साथ-साथ तीन आर्थिक गलियारा कार्यक्रमों से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर बढ़ेगी तथा रसद व्यवस्था संबंधी लागत में भी कमी आएगी। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना से एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी जिससे उन्हें सालाना 18,000 रुपये तक की बचत होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिन पहले छतों पर सौर ऊर्जा इकाई लगाने के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ शुरू किए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटने के बाद एक करोड़ घरों में सौर इकाई लगाने की योजना लाने की बात कही थी। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि छतों पर सौर इकाई लगाने से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली पाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन पर लिए गए प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करती है।
 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2014 के बाद से देश में बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा के नए संस्थान स्थापित किए गए हैं जिनमें 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालय शामिल हैं। वित्त मंत्री ने लोकसभा में 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि इस दौरान 3000 नए आईटीआई संस्थान भी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ स्किल इंडिया मिशन के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, 54 लाख युवाओं का कौशल-उन्नयन किया गया है तथा उन्हें दूसरे हुनर में कुशल बनाया गया है।’’

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