नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि देश के लोगों को मूर्ख बनाया गया है।
उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि सत्तापक्ष के सदस्यों को विपक्ष का विरोध करने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और ‘‘हम चीन, पेगासस, मोरबी, बीबीसी पर कुछ नहीं बोल सकते’’। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य प्रधानमंत्री का नाम तक नहीं ले सकते।
उन्होंने उद्योगपति गौतम अडाणी का नाम लिये बगैर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि अब जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में देश की साख दांव पर है और सरकार को इस मामले में पूरी तरह जांच करानी चाहिए।
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महुआ ने आरोप लगाया कि लोगों को बेवकूफ बनाया गया है।
महुआ ने कहा कि वह 2019 से संसद में इस मुद्दे को उठाती आई हैं, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और अब एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने यह विषय उठाया है, तो सबका ध्यान गया है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद के कुछ शब्दों को लेकर सत्तापक्ष ने आपत्ति जताई, जिसके बाद दोनों तरफ से तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कहा कि दोनों तरफ से कुछ कड़वे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है और इस पर संसदीय कार्य मंत्री (प्रह्लाद जोशी) और तृणमूल कांग्रेस के नेता (सुदीप बंदोपाध्याय) को बातचीत करनी चाहिए।
बाद में जोशी ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया है, उसके लिए महुआ मोइत्रा को माफी मांगनी चाहिए। अगर वह माफी नहीं मांगती हैं, तो यह उनकी संस्कृति को दिखाता है।