संसद में मणिपुर को लेकर संग्राम लगातार जारी है। दोनों सदनों में विपक्षी दल मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। साथ ही साथ नरेंद्र मोदी के बयान की भी मांग है। इस वजह से संसद के दोनों सदनों में कामकाज सुचारू रूप से नहीं हो पा रहे हैं। गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों में अपना बयान दिया था। हालांकि, उनके बयान के दौरान भी विपक्षी दलों का जबरदस्त तरीके से हंगामा जारी था। उसको लेकर एस जयशंकर ने पलटवार भी किया था। इन सब के बीच आज एक बार फिर से एस जयशंकर ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि विपक्षी दलों के लिए देश से ज्यादा दल राजनीति महत्वपूर्ण है।
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एस जयशंकर ने कहा कि मैं संसद में महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहता था। लेकिन विपक्षी दलों ने मेरे भाषण में बार बार बाधा डाला। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लिए देश से ज्यादा महत्वपूर्ण उनकी दलगत राजनीति है। उन्होंने कहा कि कल मैंने संसद और देशवासियों को विदेश नीति से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से अवगत कराना चाहा…दुख की बात है कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया। उनके लिए पक्षपातपूर्ण राजनीति राष्ट्रीय प्रगति से अधिक महत्वपूर्ण थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में अपने कई कूटनीतिक उपलब्धिया हासिल की है।
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में उनके बयान के दौरान हंगामा करने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ‘इंडिया’ (विपक्षी गठबंधन का नाम) होने का दावा करते हैं, लेकिन अगर वे भारत के राष्ट्रीय हितों के बारे में सुनने के लिए तैयार नहीं हैं तो वे किस तरह के इंडिया हैं? जयशंकर ने सदन में विपक्षी सदस्यों के लगातार हंगामे के बीच भारत की विदेश नीति की सफलताओं तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया विदेश यात्राओं के बारे में सदस्यों को जानकारी देने के लिए सदन में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक बयान दिया। उन्होंने बयान देना अभी शुरू ही किया था विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान और इस पर विषय पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा जारी कर दिया।