बिहार की काराकट सीट अब चर्चाओं के केंद्र में है। इसकी बड़ी वजह यह है कि भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह ने आज अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। पवन सिंह के नामांकन में भोजपुरी सिने जगत के कई बड़े कलाकार शामिल हुए जिसमें नवादा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गुंजन सिंह, भोजपुरी स्टार अरविंद कुमार अकेला उर्फ कल्लू, आर्यन बाबू शामिल रहे। पवन सिंह को भाजपा की ओर से लगातार मनाने की कोशिश हो रही थी। लेकिन पवन सिंह नहीं माने। पवन सिंह ने भारी हुजूम के साथ अपना नामांकन दाखिल किया। वह सासाराम में रोहतास समाहरणालय पहुंचे थे। पवन सिंह को पहले आसनसोल से भाजपा ने टिकट दिया था। हालांकि उन्होंने लौटा दिया था। इसके बाद पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
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पवन सिंह के काराकाट से चुनावी मैदान में उतरने के बाद यहां त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है। एक ओर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से उपेंद्र कुशवाहा उम्मीदवार है जो की राजनीति के बड़े खिलाड़ी हैं। तो वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन से यह सीट लेफ्ट के खाते में गई है और यहां राजाराम कुशवाहा उम्मीदवार है। हालांकि पवन सिंह के साथ जिस तरीके का लोगों का हूजूम है उसे साफ तौर पर पता चल रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा और राजाराम कुशवाहा के लिए आने वाले रास्ते आसान नहीं है। काराकट में एक जून को चुनाव होने हैं। इसके नतीजे 4 जून को आएंगे। नामांकन करने से पहले उन्होंने भगवान भोले की पूजा भी की है।
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पवन सिंह के नामांकन के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अप भाजपा उनके खिलाफ एक्शन लेगी। क्योंकि भाजपा लगातार उनसे चुनाव नहीं लड़ने की अपील कर रही थी। उन्हें मनाने की भी कोशिश हो रही थी। लेकिन पवन सिंह ने अब नामांकन दाखिल कर दिया है। ऐसे में इस बात की उम्मीद की जा रही है कि भाजपा उनके खिलाफ खड़े एक्शन ले सकती हैं। पवन सिंह को लेकर प्रभासाक्षी द्वारा पूछे गए सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि पवन सिंह उनके छोटे भाई हैं। अगर वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं तो उन्हें मनाने की कोशिश की जा सकती है। वह भाजपा से जुड़े रहे हैं। पार्टी ने उन्हें आसनसोल से टिकट दिया था। हालांकि उन्होंने ही चुनाव लड़ने से मना किया है। देखते हैं इसको लेकर क्या हो पता है।