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NRI से लेकर मंत्री बनने तक रोचक है Pemmasani Chandra Shekhar का राजनैतिक सफर, अरबों की संपत्ति के हैं मालिक

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के टिकट पर आंध्र प्रेदश की गुंटूर लोकसभा सीट से संसद में पहुँचे पेम्मासानी चंद्र शेखर को एनडीए कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाया गया है। सरकार में टीडीपी के कोटे से उन्हें ग्रामीण विकास और संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। चंद्र शेखर देश के सबसे अमीर सांसदों में शामिल हैं। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उनकी खुद की कुल संपत्ति 2,448.72 करोड़ रुपए बताई है। जबकि उन्होंने अपनी पत्नी कोनेरू श्रीरत्ना की कुल संपत्ति 2,343.78 और बच्चों की कुल संपत्ति 1000 करोड़ रुपए का भी जिक्र किया है।
गुंटूर जिले के बुर्रिपालेम गांव के रहने वाले चंद्रशेखर ने 1999 में हैदराबाद के उस्मानिया मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। बाद में वह अमेरिका चले गए और अपना पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा किया। 48 वर्षीय चंद्रशेखर ने अमेरिका में पेन्सिलवेनिया के डेनविले में गेइज़िंगर मेडिकल सेंटर से आंतरिक चिकित्सा में एम.डी. किया है। उन्होंने जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में एक संकाय के रूप में कार्य किया और एक डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस की। चंद्र शेखर लोकसभा चुनाव 2024 में अब तक के सबसे अमीर प्रत्याशी थे लेकिन अब वो सबसे अमीर सांसद बन चुके हैं। साथ ही पेम्मासनी नामक एक ट्रस्ट की स्थापना की गई है ओर गरीब लोगों ओर खेच्छिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 
पेम्मासानी चंद्रशेखर के पिता संबाशिव राव एन.टी. रामा राव को बहुत पसंद करते हैं। इसी कारण से वे तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हुए। उसके बाद वे नरसा रावेट टाउन के उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे। चंद्रशेखर उसी पार्टी में शामिल हुए जहां उनके पिता ने काम किया। वे चंद्रबाबू को बहुत पसंद करते हैं। जब चंद्रबाबू मुख्यमंत्री थे, तब अमेरिका दौरे पर गए चंद्रशेखर ने उनकी बैठकों में भाग लिया था। उस समय चंद्रबाबू का उनसे आमना-सामना हुआ था। चंद्रबाबू ने चंद्रशेखर को उनकी सफलता के लिए बधाई भी दी थी। इस प्रकार चंद्रबाबू की राजनीति में रुचि बढ़ गई और उन्होंने टीडीपी के साथ काम करना शुरू कर दिया। 
चंद्रशेखर ने 2014 में ही टीडीपी से नरसारावपेट लोकसभा का टिकट पाने की कोशिश की थी। लेकिन, 2014 और 2019 में पूर्व सांसद रायपति संबाशिवराव को मोका दिया गया. इसलिए उन्होंने कुछ समय तक इंतजार किया। इस समय सभी को लगा कि उन्हें नरसापुरम विधानसभा का टिकट मिलेगा। लेकिन जब मोजूदा सांसद गल्ला जयदेव ने घोषणा की कि वह राजनीति से ब्रेक ले रहे हैं. तो चंद्रशेखर के लिए रास्ता साफ हो गया। वह 2024 के संसदीय चुनावों में गुंटूर लोकसभा क्षेत्र से टीडीपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे। आखिरकार उन्हें 2024 के चुनावों से पहले टीडीपी का टिकट मिला और वाईएसआरसीपी के खिलाफ भारी बहुमत से जीत हासिल हुई। उन्हें मोदी 3.0 के तहत केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर भी मिला। 
चंद्रशेखर पेम्मासानी के पिता संबाशिवराव एनटी रामा राव के बहुत बड़े प्रशंसक थे। इसी संबंध के चलते वे तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हो गए। बाद में वे नरसारावपेट शहर के उपसभापति भी रहे। पिता के राजनीति में आने के बाद चंद्रशेखर भी उसी पार्टी में शामिल हो गए। वे चंद्रबाबू नायडू के बहुत बड़े प्रशंसक थे। जब चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री बने. तो चंद्रशेखर ने अमेरिका में उनके दोरों के दौरान होने वाले कार्यक्रमों के आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लिया। 2014 और 2019 में चंद्रशेखर ने तेलुगु देशम पार्टी से नरसारावपेट लोकसभा सीट के लिए टिकट हासिल करने की कोशिश की। हालांकि पूर्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता रायपति संबाशिव राव को मौका दिए जाने के कारण वे काफी समय तक पीछे हट गए। उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी के उम्मीदवार के रूप में गुंटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2024 के भारतीय आम चुनाव में भाग लिया और 344,695 वोटों के साथ जीत हासिल की।

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