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Rahul Gandhi पर VP Jagdeep Dhankhar का कटाक्ष- Anti-National Narrative वाले Europe चले जाएं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बिना किसी लाग लपेट के अपनी बात कहते हैं और संविधान तथा लोकतंत्र की सर्वोच्चता बनाये रखने के लिए काम करते हैं। इसके अलावा, राज्यसभा में हंगामा करते रहने वाले विपक्ष को समझाने की बात हो या फिर विदेश जाकर भारत विरोधी बातें कहने वाले नेताओं को सही राह दिखाने की बात हो, उपराष्ट्रपति कभी भी मौका नहीं चूकते। यही नहीं उपराष्ट्रपति धनखड़ देश के किसी राज्य के दौरे पर जायें या फिर विदेश यात्रा पर, वह सदैव भारत की गौरव गाथा का भी बखान करते हैं। इसी क्रम में गुरुवार को राजस्थान के दौरे पर गये उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत अपने फैसले अपने हित को ध्यान में रखकर लेता है, किसी के दबाव में नहीं आता। यही नहीं, अभी एक दिन पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शोध विद्वानों को भारत के बारे में समय-समय पर फैलाई जाने वाली ‘‘कुटिल और राष्ट्र-विरोधी विमर्श’’ का मुकाबला करने के लिए सबसे आगे रहने का आह्वान किया था। यूरोप के दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा था कि अगर ऐसे ‘‘हानिकारक’’ एजेंडे वाले लोगों के लिए यहां चीजें काम नहीं करती हैं, तो वे ‘‘यूरोप जा सकते हैं… ब्रिटेन जा सकते हैं, वहां हमेशा उन्हें सुनने वाले कुछ लोग होंगे।’’ धनखड़ ने कहा कि जब कुछ लोग भारत का विकास देखते हैं तो उन्हें यह ‘‘हजम’’ नहीं होता है। उपराष्ट्रपति ने भारतीय वैश्विक परिषद के पुनर्निर्मित पुस्तकालय के उद्घाटन के बाद कहा, ‘‘ऐसे आख्यान समय-समय पर प्रसारित होते रहते हैं जो हानिकारक, भयावह और राष्ट्र-विरोधी हैं। जब यहां दाल नहीं गलती, तो आप यूरोप जा सकते हैं, आप ब्रिटेन जा सकते हैं, वहां हमेशा कुछ लोग आपको सुनने वाले होंगे।’’ हम आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है जब राहुल गांधी ने पिछले शुक्रवार को ब्रसेल्स में कहा था कि भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों पर बड़े पैमाने पर हमला हुआ है और देश की लोकतांत्रिक संरचनाओं को ‘‘दबाने’’ के इस प्रयास पर यूरोपीय संघ के हलकों में चिंताएं हैं।
वहीं जब आज उपराष्ट्रपति राजस्थान दौरे पर पहुँचे और जोबनेर में दीप प्रज्ज्वलित कर श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के 11वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ किया तब भी उन्होंने राष्ट्र विरोधियों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि जब देश का मामला हो, सब राजनीति पीछे है। मेरा देश आगे है, हमारा देश आगे है। उन्होंने कहा कि हमें हर हालत में भारतीयता को ऊंचा रखना है। उन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व जानता है कि हमें ऐसा वातावरण तैयार करना है कि हर भारतीय अपनी प्रतिभा को दिखा सके, और वह हो चुका है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले भारत पाँच कमजोर देशों में था, और सितंबर 2022 में भारत दुनिया की पाँचवी आर्थिक महाशक्ति बन गया। उन्होंने कहा कि कोई अंदाज़ा लगा सकता है- इतनी बड़ी छलांग के बारे में!

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हम आपको यह भी बता दें कि उपराष्ट्रपति ने इंडिया नामक गठबंधन का नाम लिये बिना हाल ही में देश को गठबंधन सरकार के युग में जाने के प्रति सचेत करते हुए बहुमत वाली सरकार के लाभ गिनाये थे। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि देश ने 2014 के बाद एक ‘‘बड़ा बदलाव’’ देखा है क्योंकि उसे एक ऐसी सरकार मिली है जहां तीन दशकों के गठबंधन शासन के बाद एक ही पार्टी के पास बहुमत है। इसके अलावा भारत विरोधी विमर्श को लेकर धनखड़ ने हाल ही में कहा था कि क्या हम किसी को भी बिना किसी आधार के हमारे संवैधानिक संस्थानों को कलंकित करने, बदनाम करने और लांछन लगाने की अनुमति दे सकते हैं? उन्होंने कहा था कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया भारत के बारे में बात कर रही है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत निवेश और अवसरों के लिए एक पसंदीदा स्थान है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ संसद में व्यवधान के प्रति भी चेताते रहे हैं साथ ही उन्होंने हाल ही में अपने चिर-परिचित अंदाज में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला भी बोला था। दरअसल जब राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान भारत के संवैधानिक संस्थानों की स्वतंत्रता पर सवाल उठाये थे तब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा है कि उन लोगों का संज्ञान लेने के लिए ‘रियरव्यू मिरर’ में देखा जाना चाहिए, जो देश की संस्थाओं को कलंकित और बर्बाद करने निकले हैं। हम आपको यह भी बता दें कि इससे पहले जब राहुल गांधी ने लंदन में दिये अपने भाषण के जरिये भारत सरकार, भारतीय संसद, भारतीय लोकतंत्र और भारत के संवैधानिक संस्थानों पर हमला बोला था तब भी उपराष्ट्रपति ने इसे गलत बताते हुए सलाह दी थी कि जब भी कोई विदेश जाये तो उसे अपना राजनीतिक चश्मा यहीं छोड़ कर जाना चाहिए।

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