पश्चिमी ओडिशा के लोकप्रिय नेता नब किशोर दास का पार्थिव शरीर भुवनेश्वर से यहां लाए जाने पर सोमवार को हजारों लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी। एक दिन पहले एक पुलिस अधिकारी ने दास की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जिले में कई दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। स्थानीय लोगों ने दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को ले जाने वाले रथ पर फूल बरसाए, जो झारसुगुड़ा शहर की सड़कों से होते हुए उनके घर जा रहा था।
दास का रविवार को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
उन्हें ब्रजराजनगर में एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) ने गोली मार दी थी, जहां वह एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। माना जा रहा है कि एएसआई मानसिक विकार से पीड़ित है।
‘नब दास अमर रहे’ जैसे नारे गूंज रहे थे। नेता के कई समर्थक आरोपी को मौत की सजा देने की मांग कर रहे थे। इससे पहले, सोमवार को ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री को औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया, जिसके बाद दास के पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर ले जाया गया।
राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दास के आवास का दौरा किया, जहां विभिन्न क्षेत्रों के लोग श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए।
करीब तीन दशकों तक दास ने पश्चिमी ओडिशा में राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी।
बीजू जनता दल (बीजद) के नेता दास के बेटे विशाल और बेटी दीपाली को वहां उनके दोस्त, समर्थक, सहकर्मी और आम लोग ढांढस बंधाते रहे। ओडिशा सरकार ने दिवंगत मंत्री के सम्मान में रविवार शाम को तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की थी। दास का विभाग मंत्रिमंडल सहयोगी निरंजन पुजारी को आवंटित किया गया है।