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सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने से बचें लोग, ममता बनर्जी बोलीं- इसकी सुरक्षा बीएसएफ की जिम्मेदारी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करना बीएसएफ की जिम्मेदारी है और उन्होंने मालदा जिले के स्थानीय लोगों से आग्रह किया कि यदि कोई समस्या हो तो वे सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने से बचें। मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी 18 जनवरी को मालदा जिले में बीएसएफ चौकी के पास भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनाव उत्पन्न होने के बाद आई है। दोनों देशों के किसानों के बीच तकरार थोड़ी देर के लिए झड़प में भी बदल गई। 
 

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मालदा जिले में एक बैठक में बोलते हुए उन्होंने स्थानीय लोगों से आग्रह किया कि यदि कोई समस्या हो तो वे सीमावर्ती क्षेत्रों के पास न जाएं। इस जिले की सीमा बांग्लादेश से लगती है। उन्होंने कहा, “सीमा की रक्षा करना बीएसएफ का कर्तव्य है। मैं लोगों से आग्रह करती हूं कि अगर उन्हें कोई समस्या दिखे तो वे सीमावर्ती इलाकों में न जाएं।” बनर्जी ने जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों से उन लोगों पर सतर्क नजर रखने का भी आग्रह किया जो भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं या गलत इरादों के साथ होटल के कमरों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि बांग्लादेश के साथ हमारे रिश्ते बेहतर होंगे।”
 

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बनर्जी ने जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों से उन लोगों पर नजर रखने का भी आग्रह किया, जो भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं या गलत इरादे से होटल के कमरों में ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि बांग्लादेश के साथ हमारे रिश्ते बेहतर होंगे।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में राज्य सचिवालय में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान सीमा सुरक्षा बल पर बांग्लादेश से घुसपैठ को अनुमति देने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य को अस्थिर करने के लिए केंद्र सरकार के ‘ब्लूप्रिंट’ के हिस्से के रूप में ऐसा किया जा रहा है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल ने आरोप से इनकार करते हुए बताया था कि वह देश की सीमा की पूरी लगन से रक्षा करता है।

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