Breaking News
-
भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद…
-
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इस समय 2024 की सबसे बड़ी जंग शुरू हो गई…
-
वियतनाम में तूफान के बाद हुई भारी बारिश के कारण सोमवार को बाढ़ में एक…
-
दमिश्क । इजराइल ने रात सीरिया के कई इलाकों में हमले किए जिसमें कम से…
-
पेशावर । पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े…
-
हर घर में लहसुन खाने में जरुर डाला जाता है। भोजन में लहसुन का इस्तेमाल…
-
बीजिंग । चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस महीने रूस के साथ संयुक्त नौसैनिक और…
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉस्को दौरे के लगभग दो महीने बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर…
-
नयी दिल्ली । आस्ट्रेलिया के सीनियर बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को लगता है कि भारत ने…
-
कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली और संभवतः एकमात्र टेलीविज़न बहस होने से…
मुंबई । शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे शिवसेना-उद्धव बाला साहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि ठाकरे मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा के लिए महाराष्ट्र के बारिश प्रभावित लोगों की अनदेखी कर रहे हैं। निरुपम ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नासिक, पुणे और राज्य के अन्य हिस्सों में भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजधानी की अपनी यात्रा रद्द कर दी।
निरुपम ने दावा किया, “आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बेहतर सौदा करने के लिए ठाकरे दिल्ली गए हैं। ऐसा लगता है कि वे बारिश से प्रभावित लोगों की परेशानियों को दूर करने के बजाय अपने राजनीतिक हितों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि शिवसेना-यूबीटी प्रमुख आगामी विधानसभा चुनावों के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं इसलिए वह कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं। ठाकरे दिन में पहले ही दिल्ली पहुंचे हैं, जहां वह कांग्रेस के कई नेताओं और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों से मिल सकते हैं।
निरुपम ने कहा, “उद्धव ठाकरे का मकसद महाविकास अघाड़ी (एमवीए) का मुख्यमंत्री चेहरा बनने का है, लेकिन शरद पवार इसके खिलाफ हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले मुख्यमंत्री बनें। ठाकरे ने कांग्रेस पार्टी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है लेकिन कांग्रेस की राज्य इकाई के भीतर भी मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार हैं।” निरुपम ने इस साल की शुरुआत में कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। शिवसेना नेता ने कहा, “बालासाहेब ठाकरे ने कभी किसी के घर जाकर समर्थन नहीं मांगा। उन्होंने हमेशा लोगों को अपने घर बुलाया।