नयी दिल्ली। अतीक अहमद दशकों तक उत्तर प्रदेश के लोगों के दिलों में आतंक मचाने वाले गैंगस्टर से नेता बने और जो शनिवार को यूपी के प्रयागराज में अपने भाई अशरफ के साथ मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय मारे गए। तीन हमलावरों ने अतीक और उनके भाई पर गोलियां चलाई। पूरी वारदात की तस्वीरें मीडिया के कैमरे में कैद हो गयी। माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को कहा कि देश के कानून के तहत अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
हमारे देश का क़ानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए।
किसी भी सियासी मक़सद से क़ानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 16, 2023
प्रियंका गाधी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी। पत्रकारों की भेष में आए तीन हमलावरों ने अतीक और उसके भाई को उस समय बहुत करीब से गोली मार दी, जब वे मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रह थे, जबकि उनके आसपास पुलिस कर्मियों का पहरा था। इस दोहरे हत्याकांड का एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों जमीन पर गिर जाते हैं।
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प्रियंका ने किसी का नाम लिए बगैर ट्वीट किया
प्रियंका ने किसी का नाम लिए बगैर ट्वीट किया कि देश का कानून संविधान में लिखा गया है और यह कानून सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, “अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा देश के कानून के तहत किया जाना चाहिए। किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से कानून लागू होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए।” अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था। झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया था।
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कौन था अतीक अहमद?
अतीक अहमद पर हत्या का आरोप लगाया गया था जब वह सिर्फ 17 साल का था। अपराध चार्ट पर चढ़ने के बाद, वह लोकसभा क्षेत्र – फूलपुर – का सांसद बन गया, जिसका भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रतिनिधित्व किया था। दशकों तक उत्तर प्रदेश के लोगों के दिलों में आतंक मचाने वाले गैंगस्टर से नेता बने और जो शनिवार को यूपी के प्रयागराज में अपने भाई अशरफ के साथ मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय मारे गए। अतीक अहमद पर चार दशकों में जबरन वसूली, अपहरण और हत्या सहित 100 से अधिक मामले दर्ज थे। हालांकि अतीक अहमद 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी, 2022 को हत्या के बाद सुर्खियों में आए, लेकिन उत्तर प्रदेश पर उनके अपराध की छाया बहुत बड़ी थी। लगभग चार दशकों तक अतीक ने अपराध और राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। वह एक गरीब परिवार में पैदा हुआ था और अपराध की दुनिया में उसकी यात्रा तब शुरू हुई जब वह बहुत छोटा था। अपने विरोधियों को झूठे मुकदमों में फंसाने के लिए जाने जाने वाले उनके पैतृक गांव ने उन्हें एक निर्मम व्यक्ति के रूप में याद किया जो गवाहों को रिश्वत देते थे, उन्हें धमकाते थे और हमेशा कानून से बचते थे।