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छावला गांव में 50 साल पुराने मंदिर को गिराए जाने के खिलाफ याचिका, HC ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को 50 साल पुराने ‘हनुमान और शनि देव मंदिर’ के विध्वंस पर कापसहेड़ा उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) द्वारा 6 जून के विध्वंस आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल-न्यायाधीश पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और मामले को 12 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है और धार्मिक समिति ने पहले ही विध्वंस को मंजूरी दे दी थी।

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याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आनंद ने बैठकों के मिनटों की एक प्रति मांगी, जिस पर उच्च न्यायालय ने उत्तरदाताओं से दस्तावेजों के साथ स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। नोटिस में लिखा है कि धार्मिक समिति की बैठक दिनांक 13.09.2022 की सिफारिश के अनुसार, ग्राम छावला में छावला नाले पर स्थित हनुमान और शनि देव मंदिर को हटाया जाना है। इसलिए, अभियान 12.06.2023 को 11 बजे तय किया गया है। 

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वकील आनंद और अनुज चौहान द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विध्वंस आदेश छावला गांव (अब शहरीकृत) में मंदिर के विध्वंस के कारण का उल्लेख किए बिना और कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन किए बिना पारित किया गया था, जिसके तहत कापसहेड़ा एसडीएम ने आदेश जारी किया था। 

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