प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उत्तर बंगाल में एक महिला की सरेआम पिटाई और संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर चुप रहने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष का ‘चयनात्मक रवैया’ चिंता का विषय है। संसद की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद देने वाले प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि जो महिला नेता खुद को प्रगतिशील मानती हैं वे भी केवल इसलिए चुप रहती हैं क्योंकि उनके किसी विशेष पार्टी या राज्य के साथ संबंध होते हैं।
इसे भी पढ़ें: मणिपुर पर पीएम मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- स्थिति सामान्य नहीं है
मोदी ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दे पर विपक्ष का चयनात्मक रवैया बेहद चिंताजनक है। मैं आपके (राज्यसभा सभापति) माध्यम से देश को बताना चाहता हूं, मैं किसी राज्य के खिलाफ नहीं बोल रहा हूं या कोई राजनीतिक लाभ उठाने के लिए नहीं बोल रहा हूं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैंने सोशल मीडिया पर बंगाल का एक वीडियो देखा। एक महिला को सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा था, कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया, बल्कि वीडियो बना रहे थे।
इसे भी पढ़ें: Former R&AW Chief राजिंदर खन्ना को बनाया एडिशनल NSA, वी रविचंद्रन को भी मिली अहम जिम्मेदारी
मोदी ने अपने भाषण में संदेशखाली घटना को भी उठाया और कहा, ”लेकिन (विपक्ष के) वरिष्ठ नेताओं ने भी इसके बारे में एक शब्द नहीं कहा…और जो लोग खुद को प्रगतिशील महिला नेता मानते हैं वे भी केवल इसलिए चुप हैं क्योंकि उनके बीच संबंध हैं किसी विशेष पार्टी या राज्य के साथ… इससे न केवल देश के लोगों को दुख हुआ है, बल्कि हमारी माताओं और बहनों को इससे कहीं अधिक पीड़ा हुई है।” मोदी ने आगे कहा कि 2024 के आम चुनाव के फैसले से पता चलता है कि लोगों ने प्रचार को खारिज कर दिया है और प्रदर्शन के लिए वोट दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने की राजनीति हार गयी है।