प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर में कई रेल परियोजनाओं और एक मेथनॉल संयंत्र की शुरुआत की और ब्रह्मपुत्र नदी पर एक पुल की आधारशिला रखी। उन्होंने दावा किया कि पिछले नौ वर्षों में जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, संपर्क (कनेक्टिविटी) की परिबदल दी गई है, जिससे पूर्वोत्तर देश के बाकी हिस्सों के करीब आ गया है।
प्रधानमंत्री ने एक बिहू नृत्य प्रदर्शन भी देखा। इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में 11,000 से अधिक नर्तकों और ढोल वादकों ने एक ही स्थान पर ‘बिहू’ नृत्य कर और ‘ढोल’ बजाते हुए अपना नाम ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज कराया।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले नौ वर्षों में हमने कनेक्टिविटी की पुरानी परिको बदल दिया है। यह अब चार आयामी-भौतिक, डिजिटल, सामाजिक और सांस्कृतिक कनेक्टिविटी हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र के युवा ‘‘हिंसा छोड़कर शांति की राह पर चल पड़े हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर से अविश्वास का माहौल खत्म हो रहा है, दिलों के बीच की दूरी मिट रही है… हमें और करीब आने की जरूरत है।’’
मोदी ने गुवाहाटी में इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम से ऑनलाइन तरीके से अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ पांच रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
जिन रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें दिगारू-लुमडिंग खंड; गौरीपुर – अभयपुरी खंड; न्यू बोंगाईगांव और धूप धारा खंड के बीच दोहरीकरण शामिल हैं।
मोदी ने रानीनगर जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी खंड का विद्युतीकरण; सेंचोआ-सिलघाट टाउन और सेंचोआ-मैराबाड़ी खंड के विद्युतीकरण की भी शुरुआत की। इन परियोजनाओं की कुल लागत 7,300 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री ने ब्रह्मपुत्र नदी पर पलासबाड़ी-सुआलकुची पुल की आधारशिला भी रखी। इसका निर्माण अगले तीन-चार वर्षों में 3,200 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
निर्माण कार्य शुरू करने के लिए राज्य सरकार को पहले ही विभिन्न एजेंसियों से पर्यावरण और अन्य मंजूरी मिल चुकी है।
मोदी ने डिब्रूगढ़ के नामरूप में असम पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एपीएल) द्वारा 500 टन प्रति दिन (टीपीडी) क्षमता वाले एक मेथनॉल संयंत्र की भी शुरुआत की, जिसका निर्माण 1,709 करोड़ रुपये के निवेश से किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मेथनॉल संयंत्र के शुरू होने से अब यह रसायन घरेलू मांग को पूरा करने के अलावा पड़ोसी देशों को भी निर्यात किया जा सकता है।’’
मोदी द्वारा शुरू की गई चौथी परियोजना में शिवसागर में 18वीं शताब्दी में अहोम राजा प्रमत्त सिंह द्वारा निर्मित ‘रंग घर’ का 124 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण कार्य शामिल है।
प्रधानमंत्री ने बिहू नृत्य भी देखा, जिसका आयोजन असम के बिहू नृत्य को असमिया लोगों की सांस्कृतिक पहचान और जीवन के शुभंकर के रूप में विश्व स्तर पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया गया था। इस कार्यक्रम में एक ही स्थान पर 11,000 से अधिक नर्तक/ढोल वादक शामिल हुए।
मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं इस पल को अपने जीवन में नहीं भूल सकता। यह अभूतपूर्व और शानदार है। यह असम है। आज पूरी दुनिया बिहू देख रही है।’’
उन्होंने कहा कि भारत की विशेषता इसकी संस्कृति और परंपरा है, जो हजारों वर्षों से देश के सभी लोगों को एक सूत्र में बांधे हुए है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा सबसे बड़ा सपना एक विकसित भारत है। मैं भारत और असम के युवाओं से आगे आने की अपील करता हूं। आपमें दुनिया जीतने का साहस है।’’
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के विभिन्न विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विकास के लिए विश्वास बहुत जरूरी है।