कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने कहा कि 10 जून से मणिपुर की 10 विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री से मिलने के मौके का इंतजार कर रही हैं… उन्होंने 10 जून को पीएम को पत्र भेजा और उनसे मिलने का अनुरोध किया, वे अभी भी इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि 20 जून को विदेश यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री उनसे मिलने का समय निकाल लेंगे।
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मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मेघचंद्र सिंह ने कहा कि मणिपुर राज्य में हिंसा रुकने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध नहीं हैं, और कोई इंटरनेट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक पीड़ा हो रही है। हम, समान विचारधारा वाले 10 राजनीतिक दलों के नेता, पीएम मोदी से मिलने का समय लेने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं, क्योंकि वह मणिपुर के मुद्दों के बारे में बेफिक्र दिखाई देते हैं।
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मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं।