वन्नियार समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली एक राजनीतिक पार्टी पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने शनिवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से अपील की है कि अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के लिए मौजूदा 20 प्रतिशत आरक्षण के भीतर समुदाय को 10.5 प्रतिशत कोटा प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
पीएमके नेता डॉ अंबुमणि रामदास ने दावा किया कि दलित और वन्नियार दो प्रमुख समुदाय हैं जो राज्य की आबादी का 40 प्रतिशत हैं।
उन्होंने यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘अगर वे आगे बढ़ते हैं, तो तमिलनाडु प्रगति करेगा।’’
पीएमके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले रामदास ने संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 10.5 फीसदी आंतरिक आरक्षण को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने बीसी आयोग का पुनर्गठन किया और इस साल जनवरी में, सरकार ने आयोग को आंकड़ा एकत्र करने और राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट तीन महीने के भीतर सौंपने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘एक महीना बीत चुका है। इसलिए, हमने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उनसे विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया में तेजी लाने और वन्नियारों को इस वर्ष से शिक्षा और रोजगार में 10.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करने का आग्रह किया।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा हुई, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया, ‘‘राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक केवल वन्नियार के आंतरिक कोटे के बारे में केंद्रित थी।