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CM Abdullah ने अपने मंत्रियों को बांटे विभाग, Omar Cabinet के पहले प्रस्ताव पर ही राजनीतिक विवाद हो गया शुरू

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों को शुक्रवार को विभागों का आवंटन कर दिया है। उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री के परामर्श पर विभागों के आवंटन का जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी लोक निर्माण (आरएंडबी), उद्योग एवं वाणिज्य, खनन, श्रम एवं रोजगार तथा कौशल विकास का प्रभार संभालेंगे। एकमात्र महिला मंत्री सकीना मसूद (इटू) को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार सौंपा गया है। हम आपको बता दें कि वह पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अब्दुल्ला के पहले कार्यकाल के दौरान समाज कल्याण मंत्री थीं। जावेद अहमद राणा को जल शक्ति, वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा जनजातीय मामलों के विभाग आवंटित किए गए हैं। जावेद अहमद डार कृषि उत्पादन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, सहकारिता और चुनाव मंत्री होंगे।
सतीश शर्मा को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, परिवहन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, युवा सेवाएं एवं खेल तथा प्रशासनिक सुधार, निरीक्षण, प्रशिक्षण एवं शिकायत विभाग (एआरआई) एवं प्रशिक्षण का प्रभार सौंपा गया है। आदेश में कहा गया है कि किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए अन्य विभाग/विषय मुख्यमंत्री के पास रहेंगे।

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हम आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने एक दिन पहले ही अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की थी। मंत्रिमंडल की बैठक में प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की गई और सरकार की प्राथमिकताओं को तय किया गया। हम आपको बता दें कि अब्दुल्ला सरकार की प्राथमिकताओं में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और रोजगार की स्थिति को सुधारना है। इसके अलावा लोगों की शिकायतों को दूर करना तथा नौकरशाही के भीतर पारदर्शिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया जायेगा। हम आपको यह भी बता दें कि मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि उनके काफिले की वजह से सड़क पर ट्रैफिक की आवाजाही प्रभावित नहीं होनी चाहिए। मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि वह जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को उसका पूर्ण राज्य का दर्जा वापस करे।
दूसरी ओर, भाजपा ने मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर कहा है कि सरकार को काम करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर को उसका पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उमर सरकार को अपने उन वादों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो उन्होंने चुनावों के समय जनता से किये थे।

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