जम्मू-कश्मीर में दो चरणों का चुनाव का संपन्न होने के बाद अब 01 अक्तूबर को तीसरे और आखिरी चरण का चुनाव होना है। इससे पहले सूबे में साल 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। 2014 से लेकर अब तक विधानसभा के चुनाव नहीं हुए हैं और अब 10 सालों में जम्मू-कश्मीर के हालात काफी बदल गए हैं। सियासी गलियारों से लेकर घाटी की आबोहवा में भी बदलाव देखने को मिला है। इन्हीं में से एक सीट उरी विधानसभा सीट है, जिस पर 01 अक्तूबर को मतदान होने हैं।
उरी विधानसभा क्षेत्र
सूबे की वीआईपी सीटों की बात करें, तो उरी विधानसभा क्षेत्र उनमें से एक है। उरी विधानसभा सीट बारामूला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से निर्दलीय उम्मीदवार अब्लुल राशिद शेख ने जीत हासिल की थी। इस दौरान उन्होंने JKNC के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था।
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विधानसभा चुनाव के समीकरण
हालांकि विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि उरी विधानसभा सीट से JKNC को हार मिलने वाली है या फिर लोकसभा चुनाव परिणाम के उलट पार्टी जीत हासिल करेगी। साल 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो उरी सीट से JKNC के उम्मीदवार मोहम्मद शाफी ने जीत हासिल की थी।
बदल गए हैं समीकरण
इस बार जम्मू-कश्मीर के सियासी समीकरण बदल गए हैं। पहले कई सीटों पर JKNC और कांग्रेस पार्टी की सीधी लड़ाई देखी गई थी। लेकिन इस बार कांग्रेस और JKNC के बीच गठबंधन है। ये INDIA गठबंधन है, जो लोकसभा चुनाव 2024 में भी था। ऐसे में अब उरी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इस बार JKNC के टिकट पर सज्जाद शफी मैदान में उतरे हैं। वहीं सज्जाद को टक्कर देने के लिए JKPDP ने शेख मुनीब चुनावी मैदान में हैं। सज्जाद राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं और इनके पिता मोहम्मद शफी ने भी 6 बार उरी सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
युवाओं के हाथ में फैसला
उरी विधानसभा सीट पर तीसरे चरण यानी की 01 अक्तूबर को चुनाव होना है। इस बार सूबे की कुल मतदाताओं की संख्या 88,66,704 है। जिनमें से 4,27,813 युवा वोटर हैं। ऐसे में यहां पर युवा वोटर घाटी की तकदीर को लेकर फैसला करेंगे और उम्मीद जताई जा रही है कि युवा वोटर मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।