मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू होने के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ रविवार को इंदौर के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान आदिवासी मतदाताओं पर पकड़ मजबूत करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच सियासी खींचतान तेज होने के आसार हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पदाधिकारी के मुताबिक शाह की मौजूदगी में शहर में पार्टी के रविवार को आयोजित विजय संकल्प सम्मेलन में आदिवासी बहुल इंदौर संभाग के 50,000 पार्टी कार्यकर्ताओं के जुटने की उम्मीद है।
दूसरी ओर, कमलनाथ जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों और बेरोजगार युवाओं की ‘‘आदिवासी युवा महापंचायत’’ में शामिल होंगे।
यह कार्यक्रम आदिवासियों के मुद्दों और समस्याओं को लेकर सूबे के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से संवाद के लिए आयोजित किया जा रहा है।
शाह और कमलनाथ के इंदौर दौरे की पूर्व संध्या पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा कि कुछ लोग सूबे के आदिवासी समुदाय के बीच गलतफहमी फैला रहे हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘समाजविरोधी और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल कुछ लोगों ने आदिवासियों के बीच गलतफहमी फैलाई कि भगवान हनुमान उनके आराध्य नहीं है। इन लोगों ने छात्रावासों में रहने वाले जनजातीय विद्यार्थियों को नवरात्रि और गणेशोत्सव के आयोजनों से दूर करने की कोशिश भी की।’’
विजयवर्गीय ने दावा किया कि भाजपा ने आदिवासियों की सारी गलतफहमियां दूर कर दी हैं और अब इस समुदाय का समर्थन उनकी पार्टी के साथ है।आदिवासी युवा महापंचायत’’ में कमलनाथ के साथ दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी शामिल होंगे। कांग्रेस ने कुमार को अपनी विद्यार्थी इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) का प्रभारी बनाया है।
विजयवर्गीय ने आदिवासी समुदाय के कार्यक्रम में कमलनाथ के कुमार के साथ मंच साझा करने के कार्यक्रम पर निशाना साधा।
भाजपा महासचिव ने वर्ष 2016 में जेएनयू परिसर में कथित भारतविरोधी नारेबाजी के मामले की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘कुमार पाला बदल कर कांग्रेस में आ गए हैं। लेकिन यदि कोई व्यक्ति मुखौटा बदल भी ले, तो उसकी पहचान समाप्त नहीं हो जाती। कांग्रेस अब ऐसे लोगों को आगे ला रही है, जिससे आप समझ सकते हैं कि इस पार्टी की मानसिकता कैसी है?’’
उधर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संतोष सिंह गौतम ने कहा कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटका कर आदिवासी समुदाय में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा को जनजातीय बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी थी। हम आदिवासी समुदाय के समर्थन से इस बार भी अपना यह प्रदर्शन बरकरार रखेंगे।