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सेंगोल पर सियासत: कांग्रेस के ‘फर्जी’ वाले दावे के बाद बीजेपी ने संस्कृति से नफरत करने वाला बताया

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर पिछले कई दिनों से बवाल जारी है। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन न कराए जाने पर समारोह के बायकॉट का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही संसद भवन में रखे जाने वाले सेंगोल यानी राजदंड को लेकर भी बहस शुरू हो गई है। नई संसद में लगने जा रहे राजदंड सेंगोल को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि इस बात का कोई ङी पुख्ता प्रमाण नहीं है कि इसे सत्ता हस्तांतरण के तौर पर सौंपा गया था। 

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तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई ने 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल भेंट करने के बारे में थिरुववदुथुरै आदिनम अंबालावना देसिका परमाचार्य स्वामी के दावे के जवाब में कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है। कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि इस धारणा का समर्थन करने वाला कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, राजाजी और नेहरू राजदंड को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में मानते थे। रमेश ने ऐसे दावों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।

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प्रवक्ता ने सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए एक समाचार रिपोर्ट को टैग करते हुए कहा कि कुछ लोगों के दिमाग में पूरी तरह से निर्मित और व्हाट्सअप में फैल गया, और अब मीडिया में ढोल पीटने वालों के लिए। त्रुटिहीन साख वाले राजाजी के दो बेहतरीन विद्वानों ने आश्चर्य व्यक्त किया है। 

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