मध्य प्रदेश के मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि लोगों को सरकार से ‘‘भीख मांगने’’ की आदत पड़ गई है। उन्होंने लोगों को देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों से सीख लेने की सलाह दी। पटेल की यह टिप्पणी राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव जीतने के लिए मुफ्त सुविधाएं देने पर चल रही बहस के बीच आई है। हम आपको बता दें कि पटेल की इस टिप्पणी पर विपक्ष ने हंगामा किया और यह मामला राजनीतिक रूप से तूल पकड़ गया तो मंत्री जी आज सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आये और कहा कि उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया।
हम आपको बता दें कि राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने शनिवार को राजगढ़ जिले के सुठालिया कस्बे में रानी अवंती बाई लोधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी…उन्होंने ऐसा क्यों किया? यदि हम उनके मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करें, तो हमारा जीवन भी सफल हो जाएगा और शायद हम समाज को कुछ दे पाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी अवंती बाई ने 20 मार्च 1858 को ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। वह मध्यप्रदेश के रामगढ़ (अब डिंडोरी) की रानी थीं। पटेल ने कहा, ‘‘लोगों को समाज से लेने की आदत पड़ गई है। अब तो वे सरकार से भीख मांगने के भी आदी हो गए हैं। जब भी लोगों के बीच नेता पहुंचते हैं, तो उन्हें काफी संख्या में मांग-पत्र पकड़ा दिया जाता है। नेताओं को मंच पर माला पहनाई जाती है और फिर उन्हें मांग-पत्र थमा दिया जाता है। यह अच्छी आदत नहीं है।’’
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भाजपा नेता पटेल ने कहा कि हमेशा लेने के बजाय देने की मानसिकता विकसित करें। पटेल ने कहा, ‘‘मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर आप ऐसा करेंगे तो आप खुश रहेंगे और एक संस्कारवान समाज के निर्माण में योगदान देंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘भिखारियों की फौज इकट्ठा करना’’ समाज को मजबूत नहीं करता, बल्कि उसे कमजोर करता है। हालांकि अब अपनी सफाई में उन्होंने कहा है कि मेरी बात का गलत मतलब निकाला गया और अपने समाज के साथ जो मेरी बातचीत थी उसे वही लोग दूसरी तरह से पेश कर रहे हैं जिन्हें सुर्खियों में रहना अच्छा लगता है।