भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता प्रकाश जावडेकर ने केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवासी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ बजट आवंटन में भेदभाव के आरोपों का रविवार को खंडन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक ‘निराशावादी तस्वीर पेश करने की कोशिश’ कर रहे हैं।
जावडेकर ने कहा कि देश ने सभी प्रमुख क्षेत्रों में ‘उल्लेखनीय प्रगति’ की है, इसके बावजूद कांग्रेस और वामपंथी ‘भारत को हारा हुआ प्रस्तुत करने की कोशिश में जुटे हैं।’
मातृभूमि इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ लेटर्स (एमबीआईएफएल-2023) को संबोधित करते हुए जावडेकर ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के आलोचक भारत के लोकतंत्र और संघवाद का गलत विवरण पेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जो झूठ के प्रसार में संलिप्त हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि झूठ की उम्र लंबी नहीं होती। आप एक बार, दो बार या तीन बार झूठ बोल सकते हैं लेकिन झूठ की उम्र नहीं होती।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत गतिशील लोकतंत्र है और सभी मूलभूत प्रणाली मजबूत और सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी की समृद्धि में विश्वास करते हैं। हम एक दूसरे से प्रेम करते हैं और सम्मान करते हैं। नागरिकों में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होता…यद्यपि भाजपा के 2014 में सत्ता में आने के बाद देश ने अर्थव्यवस्था सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति की है, इसके बावजूद कांग्रेस और वामपंथी भारत को हारा हुआ प्रस्तुत करने की कोशिश में जुटे हैं।’’
जावडेकर ने कहा कि भारत 2014 में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, जो अब दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘संघवाद गंभीर दबाव में आने और गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए बजटीय आवंटन में भेदभाव करने के आरोपों का कोई आधार नहीं है।’’
जावडेकर ने कहा, ‘‘मोदी-आलोचक निराशावदी तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि वे वर्ष 2024 (लोकसभा चुनाव) के बाद क्या करेंगे। कुछ तो प्रधानमंत्री पद को केवल एक कार्यकाल का बनाने के लिए संविधान में संशोधन तक का सुझाव दे रहे हैं।