शब-ए-बारात के अवसर पर पूरे कश्मीर में हजारों लोगों ने मस्जिदों में रात भर इबादत की। सबसे बड़ी भीड़ हजरतबल पर थी। लोगों का कहना है कि यह रात महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तब होती है जब “अल्लाह भाग्य लिखता है और क्षमा मांगने वालों पर अपनी दया बरसाता है।” लोगों ने अपने प्रियजनों की कब्रों पर जाकर उनके लिए प्रार्थना भी की। हम आपको बता दें कि शब-ए-बारात इस्लामी कैलेंडर की सबसे पवित्र रातों में से एक है, जिसे पूरे कश्मीर में मनाया जाता है।
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इस बीच, शब-ए-बारात के लिए जामा मस्जिद श्रीनगर को बंद करने से निराशा भी हुई। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शब-ए-बारात के अवसर पर श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद को सील करने के सुरक्षा महकमे के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया जिन्हें शब-ए-बारात पर जामा मस्जिद में धार्मिक उपदेश देने थे। परिसर में मौजूद लोगों को वहां से लौट जाने को कहा गया और मस्जिद प्रबंधन को सूचित किया गया कि (इशा) रात की नमाज नहीं होगी। अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुरक्षा महकमे ने इस्लामी कैलेंडर की सबसे पवित्र रातों में से एक, शब-ए-बारात के दिन श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद को सील करने का निर्णय लिया।’’ वहीं दूसरी ओर लोगों ने कहा कि यह दिन हमारे लिये बहुत महत्व रखता है।