Breaking News

Jammu And Kashmir Assembly Polls । त्रिशंकु विधानसभा से बचने के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन किया: उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठंबधन किया है ताकि लोगों को विकल्प दिया जा सके और त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति से बचा जा सके। गठबंधन में सीट बंटवारा समझौते के अनुसार, नेकां 51 सीट पर और कांग्रेस 32 सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि एक सीट मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को दी गई है। बाकी की छह सीट पर कांग्रेस और नेकां के बीच ‘दोस्ताना मुकाबला’ हो रहा है।
जदीबल सीट से पार्टी उम्मीदवार तनवीर सादिक के समर्थन में डल झील में आयोजित एक शिकारा रैली में पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा, ‘‘शायद उनके पास कुछ है जो उन्हें यह देखने की अनुमति देता है कि (ईवीएम)मशीनों में क्या गया है, हम नहीं जानते मशीनों में क्या चला गया है, हमने लोगों से सुना है, त्रिशंकु चुनाव की कोई गुंजाइश नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम चुनाव के बाद गठबंधन कर सकते थे, लेकिन गठबंधन (चुनाव से पहले) लोगों को विकल्प देने के लिए बनाया गया है ताकि त्रिशंकु विधानसभा न हो और इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है कि सरकार नहीं बनेगी।’’
 

इसे भी पढ़ें: Tirupati Laddu Controversy । जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर, Sadhguru की भी सामने आयी प्रतिक्रिया

उमर ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) त्रिशंकु विधानसभा चाहेगी क्योंकि इससे उसे उपराज्यपाल शासन का विस्तार करने का बहाना मिल जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा त्रिशंकु विधानसभा चाहेगी ताकि उसे (उपराज्यपाल) शासन को लंबा खींचने का बहाना मिल जाए लेकिन लोग ऐसा नहीं होने देंगे।’’
उमर से जब पूछा गया कि भाजपा के शीर्ष नेता जम्मू की तरह कश्मीर में प्रचार क्यों नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि भाजपा को पता है कि उसे घाटी में कुछ नहीं मिलेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा के पास कश्मीर में कुछ नहीं है, उसे कश्मीर से कुछ नहीं मिलेगा। हम मुसलमानों के प्रति भाजपा के रवैये से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं। देश की 16 फीसदी आबादी मुस्लिम है और उन्हें (भाजपा नेताओं को) एक भी ऐसा मुस्लिम व्यक्ति नहीं मिला जिसे केंद्र में मंत्री बनाया जा सके, जब इस आबादी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, तो हम जानते हैं कि मुसलमानों के प्रति उनकी सोच किस तरह की है।’’
नेकां उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए जम्मू-कश्मीर में ‘तीन परिवारों के शासन’ का राग अलाप रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर को पिछले पांच सालों में कुछ नहीं मिला है। भाजपा के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री तीन परिवारों को निशाना बनाने को मजबूर हैं। अगर उन्होंने कुछ किया होता, तो उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं होती।’’ उमर ने कहा कि सरकार को कश्मीर के कुछ इलाकों में 2014 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस साल कम मतदान पर विचार करना चाहिए।
 

इसे भी पढ़ें: Indian Youth Congress के नए अध्यक्ष बने Uday Bhanu Chib, खड़गे ने तत्काल प्रभाव से की नियुक्ति

नेकां नेता ने कहा, ‘‘कुछ ऐसे क्षेत्र थे जहां मतदान प्रतिशत 2014 से कम रहा। उदाहरण के लिए नूराबाद (अब डी एच पोरा) खंड में 2014 में 80 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस बार यह 20 प्रतिशत कम (68 प्रतिशत) था। वर्तमान सरकार को इस बारे में सोचना होगा कि इस बार कोई बहिष्कार नहीं होने के बावजूद ऐसा क्यों हुआ, लेकिन उनके अनुसार सब कुछ सामान्य है।’’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सोमवार को होने वाली कश्मीर यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उमर ने कहा कि यह अच्छा है। उन्होंने सुझाव दिया कि नेता प्रतिपक्ष को भाजपा से मुकाबला करने के लिए कुछ और दौरे करने चाहिए।

Loading

Back
Messenger