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राष्ट्रपति मुर्मू ने तेलंगाना में तीर्थ सुविधाओं के लिए परियोजना की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ‘‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान’’ (प्रसाद) योजना के तहत तेलंगाना के ‘भद्राचलम मंदिरों के समूह’ तीर्थ में सुविधाओं एवं विकास के लिए परियोजना की आधारशिला रखी।
राष्ट्रपति मुर्मू हैदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलयम में शीतकालीन प्रवास के लिए तेलंगाना के दौरे पर हैं। उन्होंने भद्राचलम के प्रसिद्ध भगवान राम मंदिर में पूजा-अर्चना की।
मंदिरों के शहर भद्राचलम की अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति ने वनवासी कल्याण परिषद, तेलंगाना द्वारा आयोजित ‘सम्मक्का सरलम्मा जनजाति पुजारी सम्मेलन’ का उद्घाटन किया।

साथ ही तेलंगाना के कोमारम भीम आसिफाबाद और महबूबाबाद जिलों में स्थित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों में लाखों तीर्थयात्री आते हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों में बड़ी संख्या तीर्थयात्रियों की होती है। इस प्रकार घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने में इसका बहुत बड़ा योगदान है।
मुर्मू ने कहा कि पर्यटन लोगों की आजीविका के अवसरों और आय को बढ़ाता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है।

राष्ट्रपति ने ‘प्रसाद’ के तहत तीर्थ स्थलों के विकास के माध्यम से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय की सराहना की।
उन्होंने ‘सम्मेलन’ आयोजित करने के लिए वनवासी कल्याण परिषद-तेलंगाना की भी सराहना की।
इससे पहले राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भ्रदाचलम मंदिर में श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिये तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान के तहत परियोजना की आधारशिला रखी।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति ने श्री सीतारामचंद्र स्वामी मंदिर में प्रार्थना एवं पूजा की।’’
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस मौके पर उपस्थित थे।

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