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राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मिजोरम ने पड़ोसियों से जुड़ने के भारत के प्रयासों में योगदान दिया है

अपनी दो दिवसीय मिजोरम यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि आदिवासी बहुल राज्य इस क्षेत्र में पड़ोसियों के साथ जुड़ने के देश के प्रयास में योगदान देता है और उससे लाभान्वित होता है।
यहां विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मिजोरम पूर्व आधुनिक काल की अपनी श्रेष्ठ शासन पद्धतियों से सीख ले सकता है और लोगों की बेहतरी के लिये मौजूदा प्रणाली में उन्हें अपना सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि मिजोरम विधानसभा, पिछले कुछ वर्षों में, “लोगों की समस्या का समाधान खोजने में एक प्रभावी साधन के रूप में विकसित हुई है”।
मुर्मू ने कहा कि वह सार्वजनिक जीवन में विशेष रूप से विधायिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाना चाहती हैं।
उन्होंने कहा, “केंद्र की एक्ट ईस्ट पॉलिसी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विस्तारित पड़ोस के साथ देश के संबंधों में सुधार के लिए पूर्वोत्तर पर जोर देती है। मिजोरम इस क्षेत्र में पड़ोसियों के साथ जुड़ने के देश के प्रयास से लाभान्वित होता है और योगदान भी देता है।”

मुर्मू ने कहा कि पहाड़ी राज्य की भौगोलिक स्थिति से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद राज्य ने सभी मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा, “1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने के बाद मिजोरम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पहाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति विकास के लिए विशेष चुनौतियां प्रस्तुत करती है, इसके बावजूद राज्य ने सभी मानकों पर उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, खासकर जब मानव विकास की बात आती है।”

उन्होंने कहा, “आदिवासी-बहुल राज्य के रूप में, मिजोरम अपने अतीत से सीख सकता है और पूर्व-आधुनिक दिनों से सर्वोत्तम शासन प्रथाओं को समकालीन प्रणालियों के भीतर अपनाया जा सकता है।”
राष्ट्रपति पूर्वोत्तर के इस राज्य के अपने पहले दौरे के बाद सिक्किम पहुंच गई हैं।

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