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पूर्व की एमवीए सरकार ने फडणवीस पर झूठे आरोप लगाने और उन्हें जेल भेजने की योजना बनाई थी: शिंदे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को दावा किया कि पूर्व की महा विकास आघाड़ी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ झूठे आरोप लगाने और उन्हें अन्य के साथ जेल भेजने की योजना बनाई थी।
शिंदे मुंबई की एक अदालत द्वारा कथित फोन टैपिंग मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किए जाने के संबंध में पत्रकारों के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। यह मामला तत्कालीन महा विकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान का है।
यह मामला महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की ओर से मार्च 2021 को संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने से जुड़ा है। फडणवीस उस वक्त विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।

शिंदे ने दावा किया, ‘‘ तत्कालीन एमवीए सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग किया था और वह भाजपा के नेताओं को विभिन्न आरोप लगाकर उन्हें जेल भेजना चाहती थी। तत्कालीन सरकार ने (निर्दलीय सांसद) नवनीत राणा, (भाजपा सांसद) नारायण राणे आदि को जेल भेजने का सोचा समझा कदम उठाया था। उसने (एमवीए)यही योजना फडणवीस के लिए भी बनाई थी।’’
उन्होंने कहा कि अब चीजें और स्पष्ट हो गईं हैं और महाराष्ट्र की जनता जानती है कि क्या सही है और क्या गलत।
शिंदे ने यह भी दावा किया कि मौजूदा भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल अजित पवार जिस बात पर सहमत होंगे, उस पर राकांपा प्रमुख शरद पवार जल्द ही सहमत हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह बात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के एक दिन पहले दिए गए बयान पर पूछे गए सवाल पर कही।

पवार ने कहा था कि राकांपा में कोई विभाजन नहीं है और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार इसके नेता हैं। लेकिन बाद में पवार इस बयान से मुकर गए थे।
शिंदे ने कहा,‘‘ शरद पवार पुराने नेता हैं। अजित पवार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्य से सहमत हैं। वह इस काम का हिस्सा बनना चाहते थे, इसलिए वह राज्य सरकार (भाजपा-शिवसेना) में शामिल हो गए। जिस पर अजित पवार राजी होते हैं उस पर शरद पवार भी शीघ्र राजी हो जाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंगप्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति का एक उदाहरण है।
शिंदे ने मुंबई में विपक्षी गठबंधन की आगामी बैठक का भी जिक्र करते हुए कहा कि विपक्षी दलों का एक साथ आना इस बात का संकेत है कि प्रधानमंत्री मोदी फिर से (चुनाव में) सफल होंगे।

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