पंजाब पुलिस ने ‘गैंगस्टर’ से आतंकवादी बने अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला से जुड़े लोगों के संदिग्ध ठिकानों पर शनिवार को छापेमारी की। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
मोगा के डल्ला गांव के साथ-साथ पंजाब के अन्य जिलों में डल्ला से जुड़े आवासीय और अन्य परिसरों में भी छापेमारी की गयी।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, ‘गैंगस्टर’ और मादक पदार्थों के तस्करों के बीच सांठगांठ को समाप्त करना था।
उन्होंने कहा कि अर्श डल्ला समर्थित और हाल ही में भंडाफोड़ किए गए मॉड्यूल के कई लोगों से पूछताछ के बाद शनिवार को छापेमारी की योजना बनाई गई थी। इसका एक अन्य उद्देश्य असामाजिक तत्वों के बीच भय पैदा करना तथा आम लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना था।
प्रदेश पुलिस प्रमुख ने बताया कि अभियान के दौरान, 192 पुलिस दलों ने अर्श डल्ला से कथित रूप से जुड़े कम से कम 232 लोगों के परिसरों में छापेमारी की।
उन्होंने एक बयान में कहा कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके पास से आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है जिनकी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान हथियारों के लाइसेंस की जांच की गई, गोला-बारूद के स्रोत का पता लगाया गया, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा, विदेश में रहने वाले परिवार के सदस्यों के यात्रा विवरण, विदेश से बैंक लेनदेन और संपत्ति के विवरण को जांच के लिए एकत्र किया गया।
पुलिस के अनुसार, कनाडा में रहने वाला डल्ला पंजाब और विदेशों में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने को लेकर वांछित है।
पुलिस ने कहा कि वह ‘श्रेणी-ए’ का बदमाश था और अब आतंकवादी बन गया है तथा प्रतिबंधित आतंकी संगठन केटीएफ का सदस्य है।
पुलिस के अनुसार 2020 में अपने एक सहयोगी सुक्खा लम्मे की हत्या करने के बाद वह कनाडा भाग गया था। उसके खिलाफ हत्या, लूटपाट, डकैती, जबरन वसूली, फिरौती और आतंक फैलाने से संबंधित 35 प्राथमिकी दर्ज हैं।
डीजीपी ने कहा कि डल्ला को कनाडा से प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही उसे भारत लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है।