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पुथुपल्ली उपचुनाव: कांग्रेस के दशकों पुराने विजय के सिलसिले को तोड़ना होगा एलडीएफ का लक्ष्य

प्रतिष्ठा की जंग में प्रतिद्वंद्वी दल कांग्रेस और वाम दल यहां पुथुपल्ली उपचुनाव में एक-दूसरे से मंगलवार को मुकाबला करेंगे। मतगणना आठ सितंबर को होगी।
विपक्षी दल को जहां सरकार विरोधी लहर और दिवंगत ओमन चांडी की विरासत पर जीत का भरोसा है, तो सत्ताधारी मोर्चे का लक्ष्य कांग्रेस के इस परंपरागत गढ़ में उलटफेर करने का रहेगा।
निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव की तैयारी की जा रही है, जिसमें लगभग 1.75 लाख पंजीकृत मतदाता हैं जो तय करेंगे कि कांग्रेस का नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) इस सीट को बरकरार रखेगा या वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) राज्य विधानसभा में 100 विधायकों का आंकड़ा हासिल कर लेगा।
केरल की 140 सदस्यीय विधानसभा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत एलडीएफ के विधायकों की संख्या 99 है, जबकि यूडीएफ के विधायकों की संख्या 41 है।

मतदाता यह भी फैसला कर सकते हैं कि विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधि को भेजा जाये या नहीं। यह चुनाव वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से महज कुछ महीने पहले हो रहा है।
भाजपा का फिलहाल केरल विधानसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं है।
इस साल जुलाई में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ओमन चांडी की मृत्यु के कारण यह उपचुनाव हो रहा है। उनके निधन के एक महीने से भी कम समय के अंदर उपचुनाव की घोषणा की गई। निर्वाचन क्षेत्र में 182 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा।
कांग्रेस नीत यूडीएफ ने पूर्व मुख्यमंत्री की मृत्यु के बाद सहानुभूति की लहर पर भरोसा करने की एक स्पष्ट रणनीति के तहत चांडी के बेटे चांडी ओमान को मैदान में उतारा है।

दूसरी ओर, सत्तारूढ़ वामपंथियों ने एक बार फिर डीवाईएफआई नेता जैक सी थॉमस पर भरोसा किया है जो 2016 और 2021 में दिवंगत चांडी के खिलाफ इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों बार असफल रहे।भाजपा ने अपने कोट्टायम जिला अध्यक्ष जी लिजिनलाल को मैदान में उतारा है। इनके अलावा चार अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें आम आदमी पार्टी (आप) का एक उम्मीदवार और तीन निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं।
चांडी की बेटी अचु ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें भरोसा है कि उनके भाई बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे।

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