कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि की शिकायत में शिकायतकर्ता आरएसएस कार्यकर्ता को नये और अतिरिक्त दस्तावेज सौंपने की अनुमति देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायाहै।
अपनी अर्जी में गांधी ने दावा किया है कि उच्च न्यायालय की अन्य पीठ ने 2021 में शिकायतकर्ता राजेश कुंटे को इस मामले में कोई नया दस्तावेज सौंपने की अनुमति नहीं दी थी।
हालांकि, महाराष्ट्र में ठाणे जिले के भिवंडी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कुंटे को इस साल जून में नये दस्तावेज सौंपने की अनुमति दे दी थी।
गांधी की याचिका में दावा किया गया है कि इस चरण में कुंटे को नये दस्तावेज सौंपने की अनुमति देने का मजिस्ट्रेट का आदेश ‘‘पूरी तरह अवैध एवं पूर्वाग्रहपूर्ण है।’’
कुंटे ने अपनी मानहानि की शिकायत में दावा किया है कि राहुल ने गलत एवं मानहानिकारक बयान दिया कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस जिम्मेदार था।
सोमवार को गांधी की याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल की एकल पीठ के सामने आयी।
न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा कि 2021 में उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने इस शिकायत में अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने से संबंधित कुंटे की अर्जी पर सुनवाई की थी, इसलिए यदि वही पीठ गांधी की अर्जी पर सुनवाई करे, तो बेहतर होगा।
न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा, ‘‘यदि आप (गांधी के वकील कुशल मोर) कह रहे हैं कि इस मुद्दे पर पहले इस उच्च न्यायालय में सुनवाई हो चुकी है, तो ऐसे में यदि वही न्यायाधीश इस याचिका पर सुनवाई करते हैं, तो बेहतर होगा।’’
पीठ ने कहा, ‘‘मोर की दलीलों पर गौर करने के बाद शिष्टाचार यही कहता है कि यह मामला उन्हीं विद्वान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए, जिन्होंने पहले इस मामले की सुनवाई की थी।