लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने के अनुरोध पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की निंदा करते हुए हड़ताल खत्म करने और सुरक्षा की मांग की है। राहुल गांधी ने कहा, “मेरा ध्यान भटकाओ मत।” राहुल गांधी ने कहा कि मैं दलितों की घटना के लिए यहां आया हूं। कोलकाता मामले पर मैं पहले ही अपना बयान दे चुका हूं। मैं यहां ध्यान भटकाना नहीं चाहता। मैं यहां उनकी (दलितों की) चिंताओं को उठाने आया हूं।
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को भयावह बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि यह घटना पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा के बारे में व्यवस्थित मुद्दा उठाती है। घटना का संज्ञान लेने वाली मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थिति सुरक्षित नहीं है, तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं।
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राहुल की टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से त्वरित और तीखी प्रतिक्रिया आई। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पूछा कि क्या “बेटी के लिए न्याय एक ध्यान भटकाने वाला कदम है”। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आरजी कर मेडिकल केस और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बंगाल सरकार और पुलिस की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी बेशर्मी से कहते हैं कि “मैं ध्यान भटकाने वाला नहीं हूँ” क्या बेटी के लिए न्याय एक ध्यान भटकाने वाला कदम है? जो लोग संविधान, लड़की हूँ लड़ सकती हूँ के बारे में बोलते हैं और यूपी में पीड़ितों के घर जाते हैं, वे एक गंभीर अन्याय को “ध्यान भटकाने वाला” कहते हैं क्योंकि यह बंगाल में हुआ है। यह पीड़िता और सभी महिलाओं का अपमान है।”