कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का मकसद आम आदमी के मन से डर को दूर करना और महंगाई और युवाओं में बेरोजगारी की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना है।
बागपत-शामली सीमा पर बड़ौत में नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि 110 दिनों में 3000 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के बावजूद उन्हें टी-शर्ट में न तो थकान महसूस हो रही है, और न ही ठंड लग रही है।
मीडिया पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, मैं उन्हें मित्र (दोस्त) कहता हूं, लेकिन मित्रों का काम नही करते यह लोग, हमारा छोड़ो जनता के मित्रों का काम नही करते यह लोग, क्योंकि आपके मित्र होते तो आपको यह देश की सच्चाई दिखाते, बेरोजगारी के बारे में बताते, महंगाई के बारे में बताते। मगर नहीं, यह तो आपको अफ्रीका से आने वाले चीतों के बारे में बताते है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया जनता की बात नहीं उठाती है। लेकिन वे न तो मेरे और न ही लोगों के दोस्त होने का कर्तव्य निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा, चूंकि मीडिया लोगों के मुद्दों को उजागर नहीं कर रहा है, इसलिए हमने संसद में नोटबंदी, गलत जीएसटी, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों को उठाने के बारे में सोचा, लेकिन वहां माइक बंद कर दिया। एक तरफ मीडिया बात नही उठाती दूसरी तरफ माइक बंद कर देते हैं, इसलिए हमने सोचा कि जनता के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर चलकर जनता की आवाज सुने, जनता से बातचीत करें।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का फोकस लोगों के डर को दूर करना और महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को उठाना है।
यात्रा के दौरान सर्दियों में टी-शर्ट पहनने की चर्चा के बीच उन्होंने कहा कि मीडिया उनके पहनावे को दिखा रहा है लेकिन उनके साथ फटे कपड़े और शर्ट और टी-शर्ट पहने गरीब किसानों और मजदूरों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
बैठक में संक्षिप्त संबोधन के बाद वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
उप्र चरण की भारत जोड़ो यात्रा बृहस्पतिवार सुबह शामली से फिर शुरू होगी, जहां से यह हरियाणा की सीमा में प्रवेश करेगी।